पन्ना। बाघों से आबाद हो चुके मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिज़र्व में एक बार फिर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। यहां के जंगलों में स्वच्छंद रूप से विचरण कर रहे तीन दर्जन से भी अधिक बाघ तथा बड़ी संख्या में जंगल में मौजूद तेंदुआ और भालू सहित शाकाहारी वन्य जीव शातिर शिकारियों के निशाने पर हैं।
बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन के लिए बदनाम दक्षिण वनमंडल पन्ना का पवई वन परिक्षेत्र शिकार की घटनाओं के लिए सुर्खियों में है। यहां वन संपदा का अवैध रूप से बड़े पैमाने पर दोहन करने वाले खनन माफियाओं के अलावा शातिर शिकारियों के भी सक्रिय होने का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। बीते 14 दिसंबर की रात्रि में जंगल में ही शिकारियों के एक ठिकाने से वन अमले ने भरी मात्रा में विस्फोटक, शिकार में उपयोग होने वाला जीआई तार, हथियार, खूंटियां, मृत कई वन्यजीव, सागौन की लकड़ी सहित एक कार बरामद की थी।
वन परिक्षेत्राधिकारी पवई शिशुपाल अहिरवार ने बताया कि इस मामले के फरार तीन शिकारियों में से एक व्यक्ति की पहचान रजऊ राजा निवासी ग्राम महोड़ के रूप में हुई है। आरोपियों के विरुद्ध वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। वन्य प्राणियों के शिकार को लेकर बदनाम हो चुके पवई वन परिक्षेत्र में शिकार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। जिम्मेदार वन अधिकारी जंगल व वन्यप्राणियों की सुरक्षा में ध्यान देने के बजाय अन्य दूसरी गतिविधियों में ज्यादा रूचि लेते हैं, जिसका फायदा शिकारी उठा रहे हैं। इसी वर्ष पवई वन परिक्षेत्र में तेंदुआ और भालू सहित अन्य वन्यप्राणियों के शिकार की घटनायें हो चुकी हैं।