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सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर अड़े समर्थक - दी खुदकुशी की धमकी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 16 2018 11:47AM | Updated Date: Dec 16 2018 11:48AM
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नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने सीएम के नाम की घोषणा कर दी है, लेकिन पार्टी के भीतर विरोध के स्वर अब भी उठ रहे हैं। इसी क्रम में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग करते हुए उनके समर्थक पंद्रह विधायक दिल्ली स्थित उनके आवास पर प्रदर्शन करने पहुंच गए। दरअसल, समर्थकों की मांग है कि सिंधिया को उपमुख्यमंत्री के साथ-साथ प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए और प्रदेश कैबिनेट में पचास प्रतिशत भागीदारी दी जाए। हालांकि  सिंधिया का कोई बयान नहीं आया है। 
 
खुदकुशी की धमकी
प्रदर्शन के दौरान एक नेता ने सिंधिया के पैर पकड़ लिए और अपनी मांग पर अड़ गए। उन्होंने कहा कि अगर सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया गया तो वह खुदकुशी कर लेंगे। सिंधिया ने उन्हें काफी मनाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने। भीड़ में मौजूद लोगों के साथ मिलकर सिंधिया ने उन्हें उठाया और समझाया फिर अपने घर के अंदर चले गए। 
 
शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगी सोनिया 
भोपाल में 17 दिसंबर को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह को कांग्रेस भव्य बनाने की तैयारी में है। इसमें न सिर्फ विपक्षी दलों के नेता शामिल होंगे बल्कि अब यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल होंगी। सोनिया गांधी के साथ प्रियंका गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी शामिल होंगे।  इसके अलावा गठबंधन के अन्य नेता भी शामिल होंगे। कांग्रेस कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह के बहाने महागठबंधन की ताकत दिखाना चाहती है। इसमें ममता बनर्जी, मायावती, अखिलेश यादव, चंद्रबाबू नायडू और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हो सकते हैं। इन सभी को आमंत्रण दिया गया है। 
 
सरकार के खिलाफ मतदान की चेतावनी
समर्थक विधायकों ने सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने की मांग करते हुए पार्टी को चेतावनी दे दी है। सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार सिंधिया समर्थक विधायक बागी हो गए हैं और कह रहे हैं कि अगर सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया गया तो वे सरकार के खिलाफ मतदान करेंगे। 230 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 114 सीट मिली हैं, जबकि भाजपा को 109 सीट मिली हैं, ऐसे में जबकि कांग्रेस के पास बहुमत से दो सीट कम है, विधायकों का इस तरह बागी होना कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी है। दरअसल कांग्रेस में काफी मंथन  के बाद कमलनाथ को कमान दी गई है। हालांकि सीएम के लिए ज्योतिरादित्य का नाम भी खूब चर्चा में था।
 
कोई पछतावा नहीं
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दावा किया कि मुख्यमंत्री नियुक्त नहीं किए जाने पर उन्हें कोई पछतावा नहीं है। साथ ही कहा कि उन्होंने वही स्वीकार किया, जो पार्टी हाई कमान ने करने के लिए कहा था। एक न्यूज चैनल में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आप जो भी बोलते हैं, उसी का अभ्यास करना जीवन में महत्वपूर्ण होता है और मैंने कहा था कि मैं इस मामले में कांग्रेस हाई कमान के फैसले को ही मानूंगा।  साथ ही उन्होंने कहा कि उनके बजाय जब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को सीएम के रूप में चुना गया, तब उन्होंने विरोध नहीं किया। सिंधिया ने यह बताने से इनकार कर दिया कि उन्हें उपमुख्यमंत्री का प्रस्ताव मिला था या नहीं।
 
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