पटना। बिहार की राजधानी पटना स्थित लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो ऐक्ट) की विशेष अदालत ने एक मंदबुद्धि नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के दोषी को आज 10 वर्ष सश्रम कारावास के साथ ही 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश रवींद्र नाथ त्रिपाठी ने मामले में सुनवाई के बाद पटना शहर के आदमीगांव मुहल्ला निवासी जयमंगल गोप उर्फ बीरल को भारतीय दंड विधान और पॉक्सो ऐक्ट की अलग-अलग धाराओं में दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है।
जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोषी को दो वर्ष कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी। विशेष लोक अभियोजक सुरेश चंद्र प्रसाद ने यहां बताया कि वर्ष 2014 में दोषी ने अपने मकान के एक किरायेदार की मंदबुद्धि नाबालिग पुत्री के साथ बलात्कार किया था। उन्होंने बताया कि अदालत ने अपने फैसले में पीड़तिा को तीन लाख रुपये मुआवजा देने का भी निर्देश जिला अधिकारी को दिया है।