24 Apr 2024, 02:02:07 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
State

आतंकी मन्नान के जनाजे में शामिल और नमाज पढ़ने बोले AMU के 3 छात्र सस्पेंड

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 12 2018 11:33AM | Updated Date: Oct 12 2018 11:35AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में पढ़ने वाले तीन कश्मीरी छात्रों को निलंबित कर दिया गया है। दरअसल, इन छात्रों पर आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के शीर्ष कमांडर मन्नान बशीर वानी के जनाजे की नमाज में शामिल होने और नमाज पढ़ने का आरोप है। मन्नान वानी एएमयू में रिसर्च स्कॉलर था और बीच में ही पढ़ाई छोड़कर हिज्बुल में शामिल हो गया था। सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा स्थित हंदवाड़ा में बुधवार को मन्नान सहित तीन आतंकियों को मार गिराया था। 
 
मन्नान वानी के मारे जाने की खबर के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के केनेडी हॉल में लगभग 15 छात्र एकत्र हुए। उन्होंने वानी के लिए यहां नमाज पढऩी शुरू की। यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर मोहसिन खान ने बताया कि तीनों छात्रों ने अनुशासनहीनता की। इन छात्रों ने यूनिवर्सिटी के नियमों का उलंघन करते हुए गैरकानूनी तरीके से सभा बुलाई। उन्होंने बताया कि तीन छात्रों को सस्पेंड करने के अलावा चार छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। छात्रों का ऐकडेमिक रिकॉर्ड निकलवाया जा रहा है। प्रॉक्टर ने साफ किया कि राष्ट्रविरोधी गतिविधियां यूनिवर्सिटी परिसर में बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। 
 
प्रॉक्टर ने बताया कि मन्नान वानी के आंतकवादी संगठन में शामिल होने के बाद यूनिवर्सिटी ने उसे कॉलेज से निष्काशित कर दिया था। मन्नान का यूनिवर्सिटी से कोई संबंध नहीं था। एएमयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन सभा में पहुंचे और उन्होंने छात्रों को मन्नान वानी के लिए नमाज अदा करने से मना किया।
 
फैजुल ने बताया कि उन्होंने छात्रों से कहा कि एक आंतकवादी के लिए नमाज अदा करना गलत बात है। इस तरह की ऐक्टिविटी से यूनिवर्सिटी का नाम खराब होता है। अगर वे ऐसा करना चाहते हैं तो उन्हें यहां से कश्मीर चले जाना चाहिए। वहीं मन्नान की मौत पर जब एएमयू छात्रसंघ के अध्यक्ष मस्कूर अहमद उस्मानी से बात की गई तो उसने कहा, सरकार को इस बात की जांच करानी चाहिए कि आखिर ऐसा क्या कारण था कि एक होनहार छात्र पढ़ाई छोड़कर आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया। शायद उसे यह लगा हो कि अपनी बात रखने का उसके पास सिफज़् यही एक रास्ता है। सरकार को इस बात को गंभीरता से लेना चाहिए ताकि कोई अन्य युवा या छात्र ऐसा कदम न उठाए। अगर वह आतंकवादी था तो उसके लिए कोई हमदर्दी नहीं की जानी चाहिए। 
 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »