उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन सुबह होने वाली बाबा महाकाल की भस्म आरती के पास बेचने के कई मामले सामने आने के बाद भी लगाम नहीं लग पा रही है। शनिवार-रविवार रात को मुंबई निवासी दो श्रद्धालुओं को पास 1600 रुपए में बेचने का मामला सामने आया है। श्रद्धालओं से आवेदन लेकर आगे की कार्यवाही एसडीएम को सौंप दी है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन सुबह की भस्म आरती दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में सामान्य काउंटर से अनुमति नहीं मिलने के बाद बाहर के श्रद्धालु मंदिर परिसर में पास बेचने वाले दलालों के झांसे में आ जाते हैं। कुछ दिन पहले ही जिला प्रशासन के अधिकारियों ने ऐसे मामले पकड़े हैं। इनमें दलालों को जेल तक भेजा गया है। शनिवार-रविवार की दरमियानी रात में नायब तहसीलदार मूलचंद जोनवाल ड्यूटी पर थे।
इसी दौरान विरार बसई मुंबई निवासी श्रद्धालु जिनेश पटेल और सचिन साकवी ने बताया कि भगवान महाकाल के दर्शन करने आए थे। उन्होंने भस्मारती दर्शन की इच्छा जाहिर की थी। लव उर्फ लक्की नामक व्यक्ति ने उन्हें अनुमति पत्र के नाम पर प्रत्येक व्यक्ति 800 रुपए लिए। दो अनुमति पत्र के लिए 1600 सौ रुपए लिए थे। रुपए देने के बाद भी उन्हें दो घंटे तक लाईन में लगना पड़ा।
जानकारी सामने आने के बाद नायब तहसीलदार मूलचंद जोनवाल ने दोनों श्रद्धालुओं से लिखित में आवेदन लेकर श्रद्धालुओं को तो भस्म आरती में शामिल करा दिया। वहीं अगली कार्रवाई के लिए मामला एसडीएम को सौंपा है। नायब तहसीलदार जोनवाल ने बताया कि अनुमति पत्र अविनाश गुरु शिवसेना के नाम पर बनवाए गए थे। वहीं मामले में अविनाश गुरु का कहना है कि मैंने अनुमति पत्र रामघाट के कहने पर बनवाए थे। यह अनुमति पत्र लक्की को दिए थे। उसने पैसे लिए हैं तो मैं क्या कर सकता हूं? हालांकि अविनाश गुरु ने यह नहीं बताया कि लक्की कौन है। उसके बारे में कुछ भी नही बताया है।