अमृतसर। शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी)के प्रधान भाई गोबिन्द ंिसह लोंगोवाल ने कहा कि समिति जोधपुर ज़ैल में बंदी रहे सिखों कैदियों की सहायता के लिए विशेष 'जोधपुर जेल कैदी सहायता सेल' स्थापित करेगी। भाई लोंगोवाल ने यहां जारी बयान में कहा कि एसजीपीसी सिख सैनिक कैदियों की हर संभव सहायता के लिए वचनबद्ध है और यदि ज़रूरत पड़ी तो उनको मुआवज़े सम्बन्धित मुकदमा लड़ने के लिए कानूनी सहायता भी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जून 1984 में दौरान सच्चखंड श्री हरिमन्दर साहब पर हुई सैनिक कार्रवाई के समय 365 सिखों को गिरफ्तार करके जोधपुर ज़ैल में नज़रबंद कर दिया गया था
परन्तु अमृतसर के सत्र न्यायालय ने केंद्र सरकार को इनमें केवल 40 सिखों को ही मुआवज़ा देने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी जोधपुर जेल में बंद रह चुके सभी सिख सैनिक कैदियों को मुआवज़ा दिलाने के लिए प्रयास करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि एसजीपीसी की तरफ से पहले भी जोधपुर जेल से सम्बन्धित सिखों को सहायता दी जा चुकी है और इसके इलावा इन कैदियों के बच्चों को समिति में नौकरियां दी गई हैं। केंद्र सरकार की तरफ से अमृतसर की अदालत के फैसले विरुद्ध उच्च न्यायालय में अपील के मामले पर भाई लोंगोवाल ने कहा कि एसजीपीसी और अकाली दल के संयुक्त प्रतिनिधि मंडल द्वारा गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करके उनको यह मामला वापस लेने की अपील कर चुका है।
उन्होंने बताया कि इससे पूर्व वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिल कर गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को समर्पित गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहब पाकिस्तान तक डेरा बाबा नानक से खुला रास्ता देने, सिख रैंफरैंस पुस्तकालय का जून 1984 दौरान लूटा खज़ाना वापस करने, सज़ाएं पूरी कर चुके बंदी सिखों की रिहाई, जम्मू कश्मीर में सिखों को अल्पसंख्यक का दर्जा देने, सिक्कम स्थित गुरुद्वारा गुरु डांगमार का मसला हल करने के इलावा शिलांग में सिखों की समस्याओं के हल के लिए अपील कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने उनकी समस्याओं के हल का आश्वासन दिया है।