इंदौर। रेल यात्रियों की सुरक्षा को लेकर रेलवे लगातार काम कर रहा है। इस सिलसिले में रेलवे ने अब रेल हादसों को रोकने के लिए बड़ी तैयारी की है। अधिकतर हादसे पटरियों के टूटने या फिर ट्रैक में किसी बाधा के चलते होते हैं। ऐसे में रेलवे ने रेल पटरियों की निगरानी के लिए ड्रोन तैनात करने का फैसला लिया है ताकि किसी भी गड़बड़ी का तुरंत पता लगाया जा सके। हाल ही में जबलपुर और भोपाल में इसका प्रायोगिक उपयोग किया गया था। रेलवे 19 जोन में इसे लगाने पर विचार कर रहा है ताकि रेलवे ट्रैक की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
आईआईटी में हुए तैयार
टेलिकॉम इंडस्ट्री और रेलवे के प्रयास के तहत आईआईटी रुड़की ने ऐसे ड्रोन तैयार किए जिनकी मदद से पटरियों की निगरानी की जा सकती है। फिलहाल उत्तराखंड के रुड़की में ही इनकी टेस्टिंग की जा रही है। टेलिकॉम सेंटर आॅफ एक्सिलेंस के डेप्युटी डायरेक्टर अनुराग विभूति ने कहा, 'आईआईटी रुड़की की ओर तैयार किए गए ड्रोन्स को भारतीय रेलवे पटरियों की निगरानी के लिए तैनात करने की शुरुआती अवस्था में है।' देश में अकादमिक संस्थानों के साथ काम करने वाला टेलिकॉम सेंटर आॅफ एक्सिलेंस पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत चलता है।
यह अकादमिक संस्थानों के साथ नई तकनीक को विकसित करने के लिए काम करता है। इसके मातहत ही भारतीय रेलवे की ब्रॉडबैंड सर्विस आर्म रेलटेल कॉर्पोरेशन ने आईआईटी रुड़की के साथ मिलकर यह ड्रोन तैयार किया है। इससे रेलवे ट्रैकों की आॅटोमेटिक मॉनिटरिंग हो सकेगी। फिलहाल इस काम में रेलवे को बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की तैनाती करना पड़ती है।