नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा कल्याणकारी योजनाओं में आधार की अनिवार्यता के ख़िलाफ़ मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार की याचिका पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने कहा राज्य सरकार ने एक्ट की वैधता को कैसे चुनौती दी। अगर चुनौती देनी है तो ममता बनर्जी एक नागरिक की तरह चुनौती दें। कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है इन मामलों पर विचार करना जरूरी है।
कोर्ट ने याचिका में संशोधन करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि कल को केंद्र राज्य सरकार के कानून को चुनौती देने लगेगा। ऐसे में राज्य सरकार संसद के कानून को कैसे चुनौती दे सकती है? सरकार कानून को चुनौती देने की बजाए याचिका में संशोधन करे।
ममता सरकार की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने कहा कि इससे कल्याणकारी योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि वो याचिका में संशोधन करेंगे।
पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा कल्याणकारी योजनाओं में आधार की अनिवार्यता के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई है। सांसद और वरिष्ठ वकील कल्याण बनर्जी ने कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने उस नियम को चुनौती दी है जिसमें बिना आधार कार्ड के जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा।
इसी के साथ मोबाइल नंबर को आधार कार्ड से अनिवार्य रूप से लिंक करने के खिलाफ मोबाइल नंबर को आधार कार्ड से अनिवार्य रूप से लिंक करने को लेकर एक और याचिका पर सुनवाई होगी। वकील राघव तन्खा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दूर संचार मंत्रालय के 16 अगस्त 2016 और 23 मार्च 2017 के नोटिफिकेशन को चुनोती दी है जिसमें मंत्रालय ने पुराने मोबाइल नंबर के वेरिफिकेशन के लिये और नया मोबाइल नंबर लेने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है।