हजारीबाग। झारखंड के हजारीबाग कोर्ट ने आरजेडी के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को विधायक की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने उन्हें मशरक विधायक अशोक सिंह की हत्या का दोषी पाया था। प्रभुनाथ ने करीब 22 साल पहले इस वारदात को अंजाम दिया था।
भाई को भी मिली उम्रकैद
इससे पहले 18 मई को हजारीबाग के अपर सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र शर्मा ने प्रभुनाथ सिंह को 22 साल पहले हुई हत्या के मामले में दोषी करार दिया था। प्रभुनाथ सिंह के अलावा उनके भाई दीनानाथ सिंह को भी कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी है। कोर्ट ने इस मामले में पूर्व मुखिया रितेश सिंह को भी इस हत्याकांड में कसूरवार ठहराया गया था।
1995 में हुई थी हत्या
जनता दल के नेता और विधायक अशोक सिंह की हत्या 3 जुलाई 1995 को पटना के सरकारी आवास में दिनदहाड़े बम मार कर कर दी गई थी। हजारीबाग सेशन कोर्ट ने तीनों अभियुक्तों को भादवि की धारा 302, 307, 324, 120 बी और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत दोषी करार दिया था।
प्रभुनाथ सिंह पर ये आरोप...
सारण जिले के मशरख के तत्कालीन विधायक अशोक सिंह की हत्या उनके विधायक बनने के ठीक 90 वें दिन हुई थी। राजद नेता प्रभुनाथ सिंह पर आरोप लगा था कि उन्होंने ही हत्या की यह डेडलाइन तय की थी। हालांकि वो इससे इंकार करते रहे हैं। हत्या के बाद अशोक की पत्नी चांदनी देवी ने गर्दनीबाग थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।