पटना। बिहार में चुनावी पारा चढ़ता ही जा रहा है इसी बीच आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए पीएम मोदी को आरक्षण के मुद्दे पर घेरने की कोशिश की। लालू प्रसाद ने कहा कि पीएम मोदी आरक्षण के मुद्दे पर क्यों चुप है। लालू ने एक बार फिर गोमांस पर हो रहे विवाद को हवा दी और कहा कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह मोदी को धक्का देकर प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं।
लालू ने कहा कि मोदी भागवत के बयान की निंदा करें वरना मोहन भागवत को बाहर करें। लालू ने पूछा, मोहन बड़े हैं या आप बड़े हैं? बाहर नहीं किया तो स्पष्ट है कि वो अपने गुरू की बात रखकर देश के 80% पिछड़ों का गला घोटना चाहते हैं। लालू ने कहा कि मोदी शुरू से दलित विरोधी हैं। 2007 में प्रकाशित अपनी पुस्तक कर्म योग में दलित विरोधी मानसिकता का परिचय दिया है।
लालू ने कहा कि उनकी चुप्पी से साफ है कि वह आरक्षण समाप्त करने को लेकर दिए गए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान का समर्थन करते हैं। इसके साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री को संघ प्रमुख के बयान की निंदा करनी चाहिए। लालू ने आरोप लगाया कि मोदी जी शुरू से ही दलित विरोधी हैं।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की लिखी पुस्तक 'करमयोग' का हवाला देते हुए कहा कि इसमें मोदी जी ने लिखा है कि मैला ढोना, कचरा उठाना, गंदगी उठाने जैसा मलीन काम दलित अपनी मर्जी और खुशी से करता है, क्योंकि इससे दलितों को अध्यात्मिक शांति और शक्ति मिलती है।
उन्होंने कहा, दलित भाई पीएम मोदी से पूछना चाहते हैं कि इन कार्यों से अगर शांति और शक्ति मिलती है, तो उन्होंने ये काम क्यों नहीं किया।
लालू ने कहा कि 40 साल पहले काशी विश्वविद्यालय के सरसंचालक ने विश्वविद्यालय में दलितों के प्रवेश पर रोक लगा थी। वहीं उन्होंने ये भी कहा कि आरएसएस भी मंदिर में दलितों के प्रवेश के खिलाफ था।