झाबुआ। मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल झाबुआ जिले में कल महाशिवरात्रि के अवसर पर जिले भर के विभिन्न शिवालयों पर वनवासी शिवभक्तों का भगवान शिव के दर्शनार्थ जमघट लगेगा। वहीं, कई जगहों पर मेला भरेगा और महाप्रसाद का वितरण होगा। झाबुआ से सात किलोमीटर दूर है अति प्राचीन देवझरी जहां पर स्थित पहाडियों के बीच स्थित है। शिवालय यहां पर पहाडों से होती हुई नर्मदा गो मूख से अविरल जल धारा के रूप में चौबिस घंटों बहती रहती है।
इसका जल कभी भी नहीं सूखता। यह एक कुंड में समान अवस्था पर भरा रहता है। इस अति प्राचीन रमणीक शिवमंदिर पर शिवरात्रि के अवसर पर सुबह से ही ग्रामीण वनवासियों सहित झाबुआ तथा आस पास के शहरी लोग बडी संख्या में भगवान भोलेनाथ के दर्शन को यहां पहुंचेंगे। देवझरी में मेला भरेगा और भोलेनाथ का अभिषेक किया जायेगा। वहीं यहां पर भंडारा और महाप्रसादी का वितरण भी श्रद्वालुओं द्वारा किया जायेगा। त्रितापेश्वर महादेव मंदिर-झाबुआ से 12 किलो मीटर दूर मेघनगर रोड पर अनास नदी के किनारे स्थापित है।
एशिया के सबसे बडे शिवंलिग त्रितापेश्वर महादेव मंदिर पर शिवलिंग के दर्शन और अभिषेक के लिये बडी संख्या में भक्तों का तांता लगेगा। दूघेश्वर शिव मंदिर, झाबुआ से 13 किलोमीटर दूर अनास नदी के किनारे नदी में से ही स्वंय भू प्रकट दूधेश्वर महादेव के इस मंदिर पर शिवरात्री के पर्व पर बडी संख्या में भक्त गण जुटेगें। हवन, पूजा, अभिषेक और महाप्रसादी का आयोजन होगा तथा मेला भरेगा।
झाबुआ जिला मुख्यालय के मनकामेश्वर महादेव, गोपेश्वर महादेव, सिद्वेश्वर महादेव मंदिर, उमापति महादेव मंदिर आदि शिवमंदिरों पर शिवरात्रि के पावन पर्व पर भगवान शिव का अभिषेक किया जायेगा और साबुदाना खिचडी, ढंठाई आदि का प्रसाद वितरण किया जायेगा तथा भोलेनाथ की सवारी भी नगर भ्रमण पर निकलेगी। शिवरात्री के अवसर पर बडी संख्या में लोग व्रत उपवास रखेगें और महादेव की पूजा अर्चना करेंगे।