प्रयागराज। अखिल भारतीय किन्नर अखाड़ा अध्यक्ष एवं उज्जैन पीठाधीश्वर पवित्रा का मानना है कि समाज को शिक्षित किये बगैर देश की समृद्धि संभव नहीं है। त्रिवेणी के माघ मेला स्थित शिविर में पवित्रा ने ‘यूनीवार्ता’ से कहा ‘‘ शिक्षा वह शक्तिशाली हथियार है जिससे समृद्ध राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है। शिक्षा अपने चारों ओर की चीजों को सीखने की एक प्रक्रिया है। यह हमें किसी भी वस्तु या परिस्थिति को आसानी से समझने,समस्या से निपटने और जीवन भर विभिन्न आयामों में सन्तुलन बनाए रखने में सहायक होती है। उन्होने कहा कि शिक्षा देश के हर नागरिक का पहला और सबसे आवश्यक अधिकार है।
बिना शिक्षा जीवन अधूरा रहता है। यह जीवन में लक्ष्य निर्धारित करने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। हमारे ज्ञान, कुशलता, आत्मविश्वास और व्यक्तित्व में सुधार के साथ साथ बौद्धिक क्षमता को बढ़ाती है। नागपुर नर्सिंग कालेज से बीएससी नर्सिंग की डिग्री हासिल करने वाली पवित्रा ने कहा कि उन्होने कई साल तक अस्पताल में नौकरी करने के बाद ‘समर्पण’ नाम से एनजीओ की शुरूआत की जो लेस्बीयान गे बाई सेक्सुअल या ट्रांसजेंडर (एलजीबीटी)समुदाय के कल्याण के लिए महाराष्ट्र के नागपुर, अमरावती,चन्द्रपुर आदि जिलों में काम कर रही हैं।