लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर लखनऊ में शुक्रवार को शुरू हुआ प्रदर्शन शनविार को भी जारी रहा। मुस्लिम महिलाएं सीएए और एनआरसी के विरोध को लेकर घंटाघर पर जुटी हैं। प्रदर्शनकारी महिलाएं रातभर डटी रहीं। इन महिलाओं के हाथ में सीएए व एनआरसी के विरोध की तख्तियां भी हैं।
शुक्रवार दोपहर तीन बजे दिन से सीएए और एनआरसी के विरोध में मुस्लमि महिलाएं अपने बच्चों के साथ धरने पर बैठी हैं। रातभर कोहरे और ठंड में महिलाओं ने नारेबाजी की। हालांकी रात में प्रदर्शनकारी महलिाओं की संख्या कम रही, लेकनि सुबह होते ही एक बार फिर से भीड़ एकत्र होने लगी है। सुबह घंटाघर पर ही महिलाओं ने बिस्कुट और चाय का नाश्ता दिया गया। धरना दे रही महिलाओं ने संविधान की शपथ ली और कहा कि केंद्र सरकार सीएए में मुसलमानों को नहीं शामिल कर हिंदू मुस्लिम एकता को तोड़ना चाहती है।
धरने में चार पांच साल के बच्चों को भी बैठाया गया है जिनके हाथ में सीएए और एनआरसी विरोधी तख्तियां हैं। महिलाओं का कहना है कि एनआरसी लागू कर केंद्र सरकार गरीबों को नोटबंदी की तरह एकबार फिर लाईन में लगाना चाहती है । यह कानून मुस्लिमों की भावनाओं को आहत करने के लिये लाया गया है । धरना तो दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर है लेकिन यहां सड़क जाम नहीं किया गया है और न लोगों को आने जाने से रोका जा रहा है ।