नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बाल यौन अपराध निरोधक (पॉक्सो) अदालतों के गठन में देरी को लेकर राज्य सरकारों के रवैये पर सोमवार को गहरी नाराजगी जताई तथा सभी राज्य सरकारों से कहा कि जिन जिलों में 100 से ज्यादा पॉक्सो के मामले हैं, वहां अगले वर्ष फरवरी तक विशेष पॉक्सो अदालत गठित की जाएं। शीर्ष अदालत ने जुलाई 2019 के अपने आदेश पर अमल न करने को लेकर गहरी नाराजÞगी जताई और कहा कि राज्य सरकारें उसके आदेश का अनुपालन ठीक से नहीं कर रही हैं।
न्यायालय ने अपने आदेश में साफ कहा था कि जिन जिलों में 100 से ज्यादा पॉक्सो के मामले हैं, वहां पॉक्सो अदालतों का गठन किया जाए और विशेष वकीलों की नियुक्ति की जाए। आज सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्य सरकारों को कहा कि जिन जिलों में 100 से ज्यादा पॉक्सो के मामले हैं, वहां फरवरी तक विशेष पॉक्सो कोर्ट का गठन करें, जहां केवल बच्चों से जुड़े यौन उत्पीड़न के मामले की सुनवाई होगी। न्यायालय ने यह भी कहा कि 300 से ज्यादा मामले वाले जिलों में दो विशेष पॉक्सो कोर्ट का गठन किया जाएं।