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जीएसटी की दरों में बदलाव पर कोई विचार नहीं : सीतारमण

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 14 2019 6:18PM | Updated Date: Dec 14 2019 6:18PM
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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती से निपटने के लिए लगातार कदम उठा रही है और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में बदलाव पर अभी तक कोई विचार नहीं किया गया है। सीतारमण ने वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और मुख्य आर्थिक सलाहकार के आर सुब्रमण्यन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संवाददाता सम्मेलन में अर्थव्यवस्था में छाई सुस्ती और इसे दूर करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर के दौरान देश की सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) की दर के छह वर्ष से अधिक के निचले स्तर 4.5 फीसदी रह जाने को लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर है।
 
अर्थव्यवस्था में छाई सुस्ती के मद्दे नजर भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी का अनुमान घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया है । इसके अलावा एशियन विकास बैंक,  सिंगापुर का  डीबीएस बैंक, रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस के अलावा कई और अन्य संस्थान भी जीडीपी अनुमान को घटा चुके हैं। सीतारमण ने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था में छाई सुस्ती को जल्द से जल्द दूर करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और इसके लिए आगे भी जो जरुरी कदम होंगे उठाए जायेंगे। सरकार के उठाए गए कदमों का असर भी दिखाई दे रहा है और देश में निवेश बढ़ रहा है।
 
जीएसटी की दर बढ़ाने की मीडिया रिपोर्टों पर वित्त मंत्री ने कहा,‘‘ मेरे कार्यालय को छोड़ दिया जाये तो यह चर्चा हर तरफ है जबकि मैंने अपनी टीम के साथ इस मसले पर जीएसटी परिषद के साथ कोई विचार-विमर्श नहीं किया है।’’   मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियन ने कहा अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए बजट में 3.38 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया था। इस राशि में 66 फीसदी का इस्तेमाल किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि 27 नवंबर तक रेपो दर से जुड़े ब्याज के तहत कुल 70 हजार करोड़ रुपये के आठ लाख से अधिक ऋण आवंटित किए जा चुके हैं।
 
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी डालने के साथ रियल्टी क्षेत्र में अखिरी चरण का वित्त पोषण भी उपलब्ध कराया गया। आंशिक ऋण गारंटी योजना के तहत 7,657  करोड़ रुपये को मंजूरी दी गई और खुदरा कर्ज को बढ़ावा देने के लिए  गैर-बैकिंग वित्तीय कंपनियों और आवास वित्त कंपनियों के लिए 4.47  लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए। रेल और सड़क मंत्रालयों ने 31 दिसंबर तक 2.46 लाख करोड़ रुपये का पूंजी व्यय किया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 60,314  करोड़ रुपये की पूंजी डाली गई। साथ ही बैंकों ने 2.2 लाख करोड़ रुपये के रिण  कंपनियों और 72,985 करोड़ रुपये का कर्जा लघु और मध्यम उद्योगों को वितरित किया गया है।
 
संवाददाता सम्मेलन में मौजूद राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने कहा कि इस वर्ष प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर रिफंड की मद में 2.2 करोड़ रुपए की अदायगी की जा चुकी है। नवंबर माह तक 33,000 करोड़ रुपये का आयकर रिफंड किया गया है जबकि 2018-19 में कुल 36,000 करोड़ रुपये रिफंड किया गया था। इस वर्ष अब तक 1.57 लाख करोड़ रुपये कर रिफंड किया गया है जबकि पिछले साल यह राशि 1.23 लाख करोड़ रुपये थी। पांडेय ने कहा कि कंपनी कर में कटौती का क्या लाभ हुआ, इसका सटीक आकलन अग्रिम कर भुगतान की अंतिम तिथि 15 दिसंबर तक पता चल पायेगा।
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