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एक साल में 5 लाख से अधिक युवाओं तक पहुँचा नशा मुक्ति अभियान

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 11 2019 8:45PM | Updated Date: Dec 11 2019 8:45PM
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भोपाल। मध्यप्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री बाला बच्चन ने कहा है कि राज्य सरकार ने सत्ता सम्हालते ही सबसे पहले गुंडों और आदतन अपराधियों, अवैध शस्त्र रखने वालों, मादक पदार्थों, महिला अपराधों के खिलाफ अभियान चलाकर सख्त कार्यवाही शु्रू की, जिसके सकारात्मक परिणाम आने लगे हैं।  उन्होंने कहा  कि एक वर्ष में हत्याओं में 3.5 प्रतिशत, हत्या के प्रयासों में 3.93 प्रतिशत, डकैती में 20.37 प्रतिशत और महिलाओं से छेड़छाड़ के मामलों में 12.96 प्रतिशत की कमी आयी है। बलात्कार के मामलों में भी कमी आयी है। कुल मिलाकर आईपीसी अपराधों में अभूतपूर्व कमी आयी है।
 
आधिकारिक जानकारी के अनुसार बच्चन ने बताया कि प्रदेश में ड्रग्स के खिलाफ जनजागृति अभियान चलाया जा रहा है। बीते एक वर्ष में स्कूलों, कॉलेजों, छात्रावासों और बस्तियों में 5698 नशा मुक्ति कार्यक्रम आयोजित किये गये, जबकि वर्ष 2018 में सिर्फ 430 नशामुक्ति कार्यक्रम आयोजित किये गये थे। बीते एक वर्ष में 5 लाख 7 हजार 469 युवाओं तक पहुँचकर उन्हें नशे के खिलाफ प्रेरित किया गया है।
 
इस अवधि में स्मैक, अफीम, गांजा, गांजा पौधा, अफीम पौधा, चरस, डोडा चूरा एवं केमिकल ड्रग्स के कुल 3270 प्रकरण दर्ज किये गयें और 4051 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। गृह मंत्री ने बताया कि 426 आरोपियों के पास से 11.71 किलोग्राम स्मैक, 134 आरोपियों के 171 किलोग्राम अफीम, 2903 आरोपियों से 9310 किलोग्राम गांजा, 24 आरोपियों से 6 किलोग्राम चरस, 339 आरोपियों से 34875 किलोग्राम डोडा चूरा तथा 121 आरोपियों के पास 1,13,448 नग केमिकल ड्रग्स पकड़ा गया है।
 
इतने व्यापक पैमाने पर ड्रग माफिया के खिलाफ कार्यवाही प्रदेश के इतिहास में पहले कभी नहीं की गई। बच्चन ने बताया कि मध्यप्रदेश में अपराधों पर नियंत्रण करने के लिए नवीन चौकी और थाने खोलने तथा पुराने थानों का उन्नयन करने के कुल 57 प्रस्तावों को सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है। थानों में 1031 पुलिस बल प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 10 जिलों में नई जेल बनाना प्रस्तावित है। प्रस्ताव में केन्द्रीय जेल इंदौर, जिला जेल बैतूल, रतलाम, राजगढ़, मुरैना, मंदसौर तथा सब जेल गाडरवारा, सब जेल कुक्षी, सब जेल मैहर और खुली जेल रीवा शामिल है। बच्चन ने बताया कि प्रदेश की सभी जेलों और न्यायालयों में वीडियो काफ्रेंसिग उपकरण स्थापित किये गये हैं ताकि परिरूद्ध बंदियों की पेशी वीडियो काफ्रेंसिग के माध्यम से कराई जा सके।
 
जेलों की सुरक्षा के लिये अब तक सिर्फ 23 जेलों में ही सीसीटीवी कैमरे लगाये गये थे। नई सरकार ने सभी जेलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की कार्यवाही शुरू कर दी है। जेलों की सुरक्षा-व्यवस्था सुदृढ़ बनाने के लिए सभी केन्द्रीय जेल और 9 जिला जेलों पर इलेक्ट्रिक फेंसिग की स्थापना प्रचलन में है। जेलों में 590 वॉकी-टॉकी सेट एवं 22 बेस-सेट उपलब्ध कराये गये हैं।
 
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