लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मियों के भविष्यनिधि घोटाले में आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) की कार्रवाई को नाकाफी बताते हुये विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने पावर कारपोरेशन के तत्कालीन चेयरमैन को गिरफ्तार किये जाने की मांग की है। समिति के महासचिव शैलेन्द्र दुबे ने शनिवार को कहा कि ईओडब्लू ने कल दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के तत्कालीन रीजनल सेल्स मैनेजर अमित प्रकाश समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है लेकिन उनका मानना है कि मार्च 2017 से दिसम्बर 2018 के बीच भविष्य निधि के नाम पर निजी कंपनी में निवेश किये गये 4132 करोड़ रूपये बगैर तत्कालीन चेयरमैन की जानकारी अथवा अनुमति से संभव नही है।
उन्होने कहा कि इसलिये जरूरी है कि घोटाले की तह तक जाने के लिये तत्कालीन चेयरमैन को तत्कार गिरफ्तार किया जाये। गौरतलब है कि ईओडब्लू ने शुक्रवार को डीएचएफल की लखनऊ शाखा में तैनात अमित प्रकाश समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पीएफ घोटाले में अब तक कुल 12 आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं।
ईओडब्ल्यू के महानिदेशक डा आरपी सिंह के अनुसार जांच में अहम साक्ष्य मिलने के बाद अमित प्रकाश, डीएस ट्रेडर्स एवं अंबा इंटरप्राइजेज के संचालक मनोज कुमार अग्रवाल, आटोवेब फर्म के संचालक विकास चावला, सोरिंजटेक सर्विसेज के संचालक संजय कुमार, चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) श्याम अग्रवाल, टैक्स कंसलटेंट अरुण जैन व पंकज गिरि उर्फ नीशू को गिरफ्तार किया गया है।