नई दिल्ली। सरकार ने कहा है कि बिखरा हुआ प्लास्टिक पर्यावरण प्रदूषण का सबसे बड़ा संकट है और इससे निपटने के लिए देश भर में प्लास्टिक एकत्र करने के लिए चलाए जा रहे आंदोलन में सबका सहयोग मिल रहा है तथा इसे बहुत बड़ी सफलता मिल रही है। पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को लोकसभा में एक पूरक प्रश्न के जवाब में यह जानकारी देते हुए बताया कि इस संकट के समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘सिंगल यूज प्लास्टिक’ को ‘नो’ कहने का सुझाव कारगर साबित हो रहा है और पूरे देश में लोग इस संदेश को लेकर बहुत उत्साहित हैं।
उन्होंने कहा कि पान पराग आदि के छोटे छोटे पाउच सड़कों और पाकिँग स्थलों पर बिखरे रहते हैं और कबाड़ उठाने वाले भी इन्हें नहीं उठाते हैं इसलिए यह और गंभीर संकट बन जाता है। प्लास्टिक समस्या से निपटने में सरकार की पहल को कई सदस्यों ने सराहा लेकिन यह भी कहा कि बड़े स्तर पर सिंगल यूज प्लास्टिक एकत्र करने का दावा कर रही सरकार को यह भी बताना चाहिए कि इसके निस्तारण के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं। जावड़ेकर ने कहा कि किस तरह के प्लास्टिक का प्रयोग वर्जित है इसके लिए दिशा निर्देश जारी किए गये हैं और विकल्प को लेकर भी शोध चल रहा है।
उन्होंने कहा कि जल्द ही वह देशभर के पर्यावरण मंत्रियों तथा सचिवों की बैठक बुला रहे हैं जिसमें प्लास्टिक कचरे के निस्तारण और सिंगल यूज प्लास्टिक को समाप्त करने के बारे में व्यापक स्तर पर चर्चा होगी। प्लास्टिक कचरे का प्रबंधन किस तरह से किया जाना है इस बैठक का मुख्य बिंदु होगा। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि प्लास्टिक पूरी दुनिया के लिए संकट बना हुआ है इसलिए इस बारे में सदन को संकल्प लेना चाहिए और पूरी दुनिया में यह संदेश जाना चाहिए कि भारत की संसद ने प्लास्टिक से मुक्ति के लिए संकल्प लिया है।