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महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाना अच्छा फैसला नहीं : गहलोत

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 13 2019 5:41PM | Updated Date: Nov 13 2019 5:41PM
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जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने को अच्छा फैसला नहीं बताये हुए कहा है कि इससे राज्यपाल ने स्थिरता लाने की बजाय अस्थिरता कर दी। गहलोत नगर निकाय चुनाव के लिए पार्टी के घोषणा पत्र जारी करने के बाद मीडिया से यह बात कही। उन्होंने एक सवाल पर कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए चर्चा चल रही है कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना जो भी फैसला करेगी  सबको मंजूर होगा, हमारे हाई कमांड के जो प्रतिनिधि है वह आपस में चर्चा कर रहे हैं और आने वाला वक्त बताएगा क्या फैसला होता है।
 
पर यह  अच्छा फैसला नहीं किया राज्यपाल ने, स्थिरता कायम करने के बजाए  अस्थिरता कायम कर दी महाराष्ट्र के अंदर राष्ट्रपति शासन लगाकर। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को देश का बहुत महत्वपूर्ण राज्य बताते हुए कहा कि उसमें विधानसभा चुनाव के दौरान किसी पार्टी का स्पष्ट बहुमत नहीं आया तो राज्यपाल का कर्तव्य था कि स्थिति कैसे संभल सकती है और किस प्रकार स्थाई सरकार बन सकती है। उन्होंने राष्ट्रपति शासन लगाकर यह अच्छा फैसला नहीं किया।
 
उन्होंने कहा कि जल्दबाजी में पहले बुलाया शिवसेना को और साढ़े सात बजे तक का समय दे दिया गया और  इंतजार किया साढ़े सात कब हो और शीघ्र ही रिएक्शन दे दिया, अगली एनसीपी को बुलाएंगे और बाद में एनसीपी का मामला क्या हुआ सबको मालूम है। अब जो ध्वनियां निकल रही है राणे जो पहले कांग्रेस और शिवसेना में थे और अब वह बीजेपी में है, वह कहते हैं कि हम तो साम, दाम दंड भेद कुछ भी करेंगे सरकार बनाएंगे आप सोच सकते हो कि देश किस दिशा में जा रहा है, उस रूप में आज  नरेन्द्र मोदी, अमित शाह और यह एनडीए गवर्नमेंट देश को चला रही है, पूरा मुल्क देख रहा है इनको झटका मिल गया है हरियाणा के अंदर भी और महाराष्ट्र के अंदर भी तब भी अगर इनकी सोच नहीं बदली है तो आने वाले वक्त के अंदर जनता और सबक सिखाएगी और समझ जाएंगे।
 
उन्होंने कहा कि इनके शासन के अंदर पूरे देश के अंदर जो इन्होंने घमण्ड से शासन किया है उसमें और क्या उम्मीद कर सकते हैं। सब डरे हुए हैं, टेलीफोन टेप हो रहे हैं बातचीत करेंगे तो पता नहीं क्या होगा, फैसला गलत नहीं हो जाए। राज्यपाल चाहते हुए भी सही फैसला नहीं ले पा रहे हो यह भी हो सकता है। गहलोत ने कांग्रेस की शिवसेना के साथ विचारधारा को लेकर पूछे सवाल पर कहा कि यह इसीलिए तो कांग्रेस वर्किंग कमेटी में सोनिया गांधी ने इतना समय  लगाया, छह-सात घंटे लगाए हैं।
 
बातचीत करने में, क्योंकि ऐसे फैसले अहम फैसले होते हैं जो भविष्य को देखकर किए जाते हैं, हमें कोई सत्ता का लोभ नहीं है पहले भी सत्ता आई है और गई है पर कांग्रेस चाहेगी कि महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार हो, उसके लिए क्या कदम उठाते हैं वह समय बताएगा। बालदिवस के ऊपर किये सवाल पर उन्होंने कहा कि नेहरू का बच्चों के प्रति विशेष स्रेह था इसलिए उनके जन्मदिवस को बाल दिवस के रूप में मनाते हैं, मनाते आए हैं कल भी यहां कई प्रोग्राम होंगे और आज दुर्भाग्य है देश का ऐसे लोग सत्ता में बैठ गए आकर जो पंडित नेहरू का योगदान है,
 
आठ-दस साल तक वह जेल में बंद रहे, आजादी के आंदोलन के अंदर, आजाद कराया मुल्क को, आधारभूत ढांचा तैयार किया, नीव खड़ी की देश की उस पर आज देश खड़ा है, विदेश नीति शानदार बनाई उसके बावजूद भी उनके बारे में सोशल मीडिया में क्या क्या नहीं कहा गया और किस प्रकार नौजवान पीढ़ी को गुमराह किया गया यह देश का दुर्भाग्य है कि ऐसे लोग सत्ता में बैठे हुए हैं जो कि पंडित नेहरू के व्यक्तित्व को, उनके कृतित्व को जिसको दुनिया मान रही है, देश मान रहा है और यह लोग सोशल मीडिया के माध्यम से नई पीढ़ी को गुमराह कर रहे हैं, देश इन्हें कभी माफ नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू का व्यक्तित्व और कृतित्व कभी खत्म नहीं हो सकता वह इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है। 
 
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