अयोध्या। अयोध्या में विवादित रामजन्मभूमि को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले के मद्देनजर श्रीरामजन्मभूमि न्यास की कार्यशाला में राम मंदिर के लिये पत्थरों को तराशने का काम फौरी तौर पर बंद कर दिया गया है। सितम्बर 1990 में स्थापित कार्यशाला में राम मंदिर निर्माण के लिये पत्थर तराशे जा रहे थे हालांकि पिछले तीन महीने से पत्थरों के तराशे जाने का काम बंद पड़ा है। सूत्रों के मुताबिक मंदिर निर्माण के लिये 65 फीसदी से अधिक पत्थर तराशे जा चुके हैं।
वर्ष 1990 के बाद यह पहला मौका है जब पत्थरों को तराशने का काम बंद किया गया है। उन्होने बताया कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय के इंतजार में काम बंद करने का निर्णय लिया गया था। हालांकि विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने यूनीवार्ता को बताया कि तीन महीने पहले से पत्थर तराशने का काम बंद है क्योंकि पत्थर तराशने वाले अधिकांश कारीगर गुजरात के है और वे त्योहारों की छुट्टियां मनाने गये हैं। इनमें एक कारीगर का देहान्त भी हो चुका है। एक प्रश्न के जवाब में उन्होने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मंदिर मस्जिद विवाद के फैसला से पत्थर तराशने के काम का कोई लेना देना नहीं है।