लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के भीड़भाड़ वाले नाका क्षेत्र में शुक्रवार को दिनदहाड़े हिन्दू समाज पार्टी नेता कमलेश तिवारी की हत्या कर दी गयी। हिन्दूवादी नेता के तौर पर विख्यात तिवारी आईएसआईएस और मुस्लिम चरमपंथियों के खिलाफ बयानबाजी करते रहे थे। हाल ही में कोलकाता में हिन्दू परिवार की हत्या के बारे में वह काफी मुखर थे और उन्होने पश्चिम बंगाल जाने की योजना बनायी थी। तिवारी की पत्नी की तहरीर पर पुलिस ने बिजनौर के दो मौलवियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि आज अपरान्ह दो लोग तिवारी से मिलने खुर्शीद बाग स्थित हिंदू समाज पार्टी के कार्यालय में आये थे।
उन्होने हिसपा नेता के साथ चाय भी पी और मौका मिलते ही उनकी गर्दन और सीने पर चाकू के कई वार किये और बाद में उन्हे गोली मार दी। गोली उनके चेहरे पर लगी। नेता को गंभीर हालत में ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हत्यारे चाकू और तमंचा मिठाई के डिब्बे में लेकर आये थे। उन्होने बताया कि हिसपा नेता हर समय सुरक्षा घेरे में रहते थे लेकिन घटना के समय उनके गार्डो को बचाव का समय नहीं मिला। पुलिस को घटनास्थल पर तमंचा और कारतूस मिले हैं। पुलिस आसपास के सीसीटीवी की फुटेज खंगाल रही है। गौरतलब है कि हिन्दू समाज पार्टी के संस्थापक तिवारी अक्सर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में रहते थे। भड़काऊ बयान देने पर वर्ष 2015 में उनपर रासुका भी लगाई गई थी। उन्होंने इसी वर्ष फैजाबाद से लोकसभा चुनाव भी लडा था।
सूत्रों ने बताया कि कमलेश तिवारी का सिर कलम करने के लिए बिजनौर के कीरतगढ़ निवासी मोहम्मद मुफ्ती नईम ने 51 लाख रुपये और इमाम मौलाना अनुवारुल हक ने 1.5 करोड़ रुपये का इनाम रखा था। दोनो ही मौलानाओं के खिलाफ कमलेश तिवारी की पत्नी किरन तिवारी ने नाका थाना में मामला दर्ज कराया है। पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में मिले एक महिला समेत तीन संदिग्धों की भी तलाश कर रही है। हिसपा नेता की हत्या के तार गुजरात से जुड़े हो सकते है। जिस मिठाई के डिब्बे में हथियार छिपा कर लाये गये थे। उस डिब्बे को 16 अक्टूबर को सूरत के उद्योगनगर उधना स्थित धरती फूड प्रोडक्ट प्रा. लि. से खरीदा गया था। सूत्रों ने बताया कि कमलेश तिवारी का सिर कलम करने के लिए बिजनौर के कीरतगढ़ निवासी मोहम्मद मुफ्ती नईम ने 51 लाख रुपये और इमाम मौलाना अनुवारुल हक ने 1.5 करोड़ रुपये का इनाम रखा था।