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राष्ट्र का विकास मातृभाषा के बिना संभव नहीं : मित्तल

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 23 2019 1:31AM | Updated Date: Sep 23 2019 1:31AM
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गाजियाबाद। कोर्ट परिसर में अखिल भारतीय हिंदी विधि प्रतिष्ठान द्वारा न्यायमूर्ति प्रेमशंकर गुप्त हिंदी साहित्य सम्मान का आयोजन किया गया। सभापति हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति पंकज मित्तल, मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति  चंद्रधारी सिंह, न्यायमूर्ति  अशोक कुमार एवं जिला जज दिनेश शर्मा ने शुभारंभ किया। पंकज मित्तल ने कहा कि हिंदी को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इसके प्रचार-प्रसार के लिए देशभर में विचार गोष्ठी के आयोजन की जरूरत हैं। राष्ट्र का विकास मातृभाषा के बिना संभव नहीं है।
 
हर व्यक्ति को अपनी मातृभाषा में कार्य करना चाहिए। शनिवार को कोर्ट परिसर में आयोजित हिंदी दिवस में न्यायमूर्ति पंकज मित्तल ने कहा कि हिंदी भाषा सरल है। इसमें कार्य करना अन्य भाषाओं की अपेक्षा आसान है। न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह ने कहा कि हिंदी भाषा देश के अधिकाशं हिस्सों में बोली जाती हंै। सभी को चाहिए की वह हिंदी में कार्य करें। देश के साहित्यकार और कवियों को भी प्रोत्साहित किया जाना जरुरी है। न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने कहा अधिकांश देश अपनी राष्ट्र भाषा में बोलते हैं। हमें गर्व के साथ अपनी राष्ट्र भाषा में कार्य करना चाहिए।
 
जिला जज दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि हिंदी में बात करने और कार्य करने से न केवल आनंद मिलता है बल्कि कार्य भी आसनी से होता है। इस मौके पर सीबीआई कोर्ट के जज अमितवीर सिंह, रविंद्र कुमार सिंह, राकेश वशिष्ठ समेत न्यायिक अधिकारी और बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील दत्त त्यागी, सचिव विजय गौड़, कोर्ट मैनेजर मनोज मिश्रा, विमलेश शुक्ला आदि संख्या में अधिवक्ता भी मौजूद रहे। 
 
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