हैदराबाद। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण राज्य मंत्री तथा रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया के अध्यक्ष रामदास अठावले ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय संविधान के जनक डॉ बी आर अंबेडकर ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने का विरोध किया था। अठावले ने यहां पत्रकारों से कहा कि पंड़ति जवाहरलाल नेहरू सरकार के कार्यकाल में डॉ अंबेडकर विधि मंत्री थे और जब अनुच्छेद 370 को संसद में पेश किया गया था तो उन्होंने इसका विरोध किया था और वह ‘‘ एकीकृत भारत’’ के पक्ष में थे। उन्होंने कहा,‘‘ डॉ अंबेडकर एक राष्ट्र, एक योजना और एक संविधान के पक्ष में थे।’’
अठावले ने कहा,‘‘ डॉ अंबेडकर ने कहा था कि किसी भी धर्म, भाषा और जाति में कोई विवाद नहीं होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के साथ ही जम्मू-कश्मीर को अलग संविधान मिल गया था और इसी की वजह से वहां न तो कोई जाकर कोई कारोबार कर सकता था और न ही जमीन खरीद सकता था। इसी वजह से पिछले 70 वर्षों से वह राज्य विकास की दौड़ में पिछड़ गया था लेकिन अब इस अनुच्छेद के हटने से भारत एकीकृत हो गया है। इसी तरह हम एकीकृत कश्मीर चाहते हैं और कश्मीर के दो हिस्से नहीं चाहते कि एक हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के रूप में हो। उन्होंने कहा कि पिछले 70 वर्षों में कश्मीर का एक तिहाई हिस्सा पाकिस्तान ने अवैध रूप से अपने कब्जे में ले रखा है और अगर पाकिस्तान अपने यहां विकास चाहता है तो प्रधानमंत्री इमरान खान को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत सौंप देना चाहिए।