नई दिल्ली। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सरकार ने छात्रों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस) पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल से विकसित करने की योजना बनाई है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार पीपीपी मॉडल पर ‘नेशनल एजुकेशनल अलायन्स फॉर टेक्नोलॉजी’ नामक एक मंच तैयार किया गया है जिसमें छात्र कृत्रिम बुद्धिमत्ता को बढ़ावा दे सकते हैं। इस मंच पर स्टार्ट अप कम्पनियों को स्थान दिया जायेगा ताकि छात्र इससे लाभावन्वित होंगे।
इस योजना के तहत एड टेक कम्पनी के साथ पीपीपी मॉडल पर यह मंच विकसित किया जायेगा। मंत्रालय इस योजना को संचालति करेगा और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को यह सेवा मुफ्त उपलब्ध कराई जायेगी। एड टैक कम्पनी छात्रों का पंजीकरण करेगी और पंजीकृत छात्रों में से 25 प्रतिशत को छात्रवृति के लिए फ्री कूपन दिए जायेंगे। इस योजना के क्रियान्वन के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् काम करेगा। चयनित कंपनियों के साथ एक करार भी किये जायेंगे और इस योजना के लिए जागरूकता कार्यक्रम मंत्रालय चलाएगा। मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति इस पूरी योजना का काम देखेगी।