जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर-रावघाट रेल परियोजना के तहत जगदलपुर के पास बनने वाले क्रासिंग स्टेशन के लिए भू अधिग्रहण में हुए मुआवजा घोटाले के खुलासे के बाद बस्तर कलेक्टर ने जांच के आदेश दे दिए हैं। बस्तर कलेक्टर डॉ एययाज तम्बोली ने ढाई सौ करोड रूपए के इस घोटाले की जांच के आदेश कल जारी कर दिए। डिप्टी कलेक्टर की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय टीम जांच करेगी।
टीम 6 बिन्दुओं के आधार पर जांच करेगी। आरोप है कि राजस्व व इकरान के अधिकारियों ने मनमानी करते हुये नियमों को ताक में रखकर भू अधिग्रहण की कार्रवाई को अंजाम दिया। हालत यह है कि खेतों को व्यवसायिक परिसर बताकर उसके हिसाब से मुआवजा तैयार करवा लिया गया। भू अधिग्रहण की प्रक्रिया मे भारी विसंगति हुई है। प्रांरभिक संकेत यह है कि जगदलपुर से लगे आधा दर्जन गांव से लगे कुछ रसूखदारों द्वारा लाभ पहुंचाने के लिए गलत तरीके से डायवर्सन किए गए हैं।
ग्राम पल्ली जो कि ग्राम पंचायत कुम्रावंड़ का आश्रित ग्राम है। यहां खातेदारों का भूमि का अधिग्रहण किया गया है। इनका कुल रकबा 4.18 हेक्टेयर है। यह पूर्णत: ग्रामीण इलाका है। इनमें से पांच खातेदारों की भूमि का डायवर्सन व्यवसायिक भूमि के लिए किया गया है। शेष खातेदारों की भूमि डायवर्सन आवासीय भूमि के रूप में परिवर्तित की गयी है।