नई दिल्ली। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय रेलवे के निजीकरण के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि रेलवे का निजीकरण कोई नहीं कर सकता लेकिन सेमी हाईस्पीड गाड़यिों के परिचालन तथा बेहतर यात्री सुविधाओं के लिये यदि बाहर से निवेश आता है तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए। गोयल ने आम बजट में रेलवे की अनुदान मांगों पर 12 घंटे तक चली चर्चा का जवाब देते हुए शुक्रवार को यह बात कही।
उन्होंने कहा, ‘‘रेलवे का निजीकरण कोई कर ही नहीं सकता और रेलवे के निजीकरण का कोई सवाल ही नहीं है। लेकिन कोई नयी टेक्नोलॉजी लेकर आता है रेल के आधुनिकीकरण के लिए, कोई सेमीहाईस्पीड ट्रेन चलाता है और यात्री सुविधाओं को बढ़ाने में योगदान करता है तो ऐसे निवेश का सबको स्वागत करना चाहिए।’’
रेल मंत्री ने 50 लाख करोड़ रुपए के निवेश के बारे में सदस्यों के सवालों के बारे में कहा कि रेलवे छह लाख करोड़ रुपए के निवेश से क्षमता संवर्द्धन करेगी और समर्पित मालवहन गलियारे (डीएफसी) बनायेगी जिस पर 4.5 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। स्वर्णिम चतुर्भुज एवं तिर्यक मार्गों पर गाड़यिों की गति बढ़ाने के लिए डेढ़ लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे।