अहमदाबाद। गुजरात में तलाला विधानसभा क्षेत्र के अयोग्य ठहराये गये कांग्रेस विधायक भगवान बारड़ को बड़ी राहत देते हुए हाई कोर्ट ने एक निचली अदालत की ओर से उन्हें दी गयी सजा पर आज रोक लगा दी। बारड़ को उनके गृह जिले गिर सोमनाथ के सूत्रापाड़ा शहर की एक मजिस्ट्रेटी अदालत ने गत एक मार्च को एक दशक से भी अधिक पुराने खनिज (चूना पत्थर) चोरी के एक मामले में दो साल नौ माह की जेल की सजा सुनायी थी हालांकि उन्हें जमानत मिल गयी थी पर दो साल से अधिक की सजा होने के कारण पांच मार्च को विधानसभा अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिवेदी ने उनके विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया था।
उन्होंने उक्त अदालत की सजा पर रोक के लिए पहले सात मार्च को वेरावल की सत्र अदालत का दरवाजा खटखटाया था और उसने इस पर रोक लगा दी थी। पर बाद में 24 अप्रैल को हाई कोर्ट की एक अन्य जज न्यायमूर्ति सोनिया गोकाणी ने इस आधार पर कि रोक के लिए आदेश में कोई कारण नहीं बताया गया था, उसे रद्द कर बारड़ को दोबारा सत्र अदालत में जाने को कहा था। इसके बाद सत्र अदालत ने दो बार उनकी ऐसी अर्जी खारिज की थी।
गत तीन जुलाई को अंतिम बार ऐसा होने के बाद कल ही श्री बारड़ ने इस मामले में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। न्यायमूर्ति एस एच वोरा की अदालत ने आज उनकी अर्जी स्वीकार करते हुए अपील की सुनवाई तक सजा पर रोक लगाने के आदेश दिये। बारड़ के वकील हृदय बुच ने दावा किया कि सजा पर रोक के साथ ही उनके मुवक्किल की अयोग्यता भी तत्काल समाप्त हो गयी। ज्ञातव्य है कि श्री बारड़ को अयोग्य ठहराने के बाद चुनाव आयोग ने गत 23 अप्रैल को ही तलाला सीट पर उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी थी पर इस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी।