जयपुर। राजस्थान में लोकसभा चुनाव के इतिहास में भारतीय जनता पार्टी तीसरी बार सहयोगी दल के साथ सभी सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही है। सत्रहवीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लहर के चलते राज्य में अपने सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की एक सीट सहित सभी पच्चीस सीटों पर जीत दर्ज की है। इस चुनाव में भाजपा ने अपने चौबीस उम्मीदवार उतारे जबकि नागौर संसदीय क्षेत्र में रालोपा संयोजक हनुमान बेनीवाल के लिए छोड़कर उन्हें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन उम्मीदवार बनाया। इस चुनाव में केन्द्रीय मंत्री अर्जुन लाल मेघवाल, पीपी चौधरी, गजेन्द्र सिंह शेखावत एवं कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ सहित भाजपा के सोलह सांसद फिर चुनाव जीत गये जबकि कई सांसदों को इस बार चुनाव में फिर से टिकट नहीं दिया गया था।
वर्ष 2014 में सोलहवीं लोकसभा के चुनाव में भाजपा ने मोदी लहर के कारण ही प्रदेश की सभी पच्चीस सीटों पर जीत दर्ज कर पहली बार ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। इससे पहले वर्ष 1989 में भाजपा ने अपने सहयोगी दल जनता पार्टी एवं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ मिलकर सभी सीटे जीतने में कामयाब रही थी। 1989 में नौवीं लोकसभा चुनाव में भाजपा ने तेरह एवं उसके सहयोगी दल जेपी ने ग्यारह तथा माकपा ने एक सीट हासिल की थी। उधर इससे पहले वर्ष 1984 में राज्य की सभी पच्चीस सीटें जीतकर इतिहास रचने वाली कांग्रेस 2019 के चुनाव में तीसरी बार राज्य में सभी सीटों पर चुनाव हार गई। इससे पहले वर्ष 1989 एवं 2014 में सभी सीटों पर चुनाव हार चुकी है।