अंब्बासा। उत्तरी त्रिपुरा के धलाई जिले के गंडाछारा के एक गांव के 700 मतदाताओं ने लगातार अपने क्षेत्र की उपेक्षा से खिन्न होकर इस बार चुनाव के दौरान मत नहीं डालने का निर्णय लिया है। यह चुनाव आयोग के सूत्र वाक्य ‘कोई भी मतदाता छूटने नहीं पाए’ के लिए एक चुनौती है। इस गांव में सड़कों की हालत बेहद खराब है और पीने के साफ पानी की किल्लत के अलावा अन्य चीजों का भी अभाव है।
गांव के एक निवासी रतन रियांग ने बताया कि अनेक वर्षों से यहां सड़क संपर्क नहीं है, हमारे पास पंचायत भवन,बाजार, स्वच्छ जल का कोई स्रोत नहीं है। यही वजह है कि हमने इस बार मतदान नहीं करने का फैसला किया है। एक अन्य निवासी बेनीरूंग रियांग ने बताया कि जब भी चुनाव आते हैं तो सारे दलो के नेता और प्रतिनिधि आकर उनकी हर समस्याओं को सुलझाने का वादा करते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद वे हमें भूल जाते हैं।
अब हमारा उन पर कोई विश्वास नहीं है और इसी वजह से हम मतदान नहीं करेंगे।’’ ग्रामीणों का कहना है कि जब भी उनके वादों को पूरा करने का समय आता है तो सभी पार्टियां मिलकर एक हो जाती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लगातार कईं सालों से की जा रही उपेक्षा और बदइंतजामी के कारण हम काफी अपमानित हुए हैं और यही दर्द हमें सालता है।’’