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कश्मीर राजमार्ग पर चार दिनों से फंसे हैं 3000 वाहन

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 9 2019 2:49PM | Updated Date: Feb 9 2019 2:49PM
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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में बुधवार को बारिश के बाद पत्थरों के खिसकने और हिमपात होने की वजह से 300 किलोमीटर लंबे श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर 3000 से अधिक वाहन पिछले चार दिनों से फंसे हुए हैं। कश्मीर घाटी को सभी मौसम में देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले इस राजमार्ग पर शनिवार वाहनों का परिचालन बंद रहा। गत सात फरवरी को जवाहर सुरंग में एक पुलिस चौकी हिमस्खलन की चपेट में आ गई थी। वहां एक पुलिसकर्मी की तलाश में आज सुबह फिर से व्यापक राहत एवं बचाव अभियान शुरु किया गया। हिमस्खलन की चपेट में आठ पुलिसकर्मियों समेत 10 लोग आ गये थे, जिसमें से पांच पुलिसकर्मियों और दो कैदियों के शव बरामद कर लिये हैं तथा दो पुलिसकर्मियों को जिंदा बाहर निकाल लिया गया है, जबकि एक पुलिसकर्मी की तलाश की जा रही है।
 
श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर बर्फ जमा होने के कारण लद्दाख क्षेत्र गत दिसंबर से ही कश्मीर से कटा हुआ है, जबकि 86 किलो मीटर लंबे ऐतिहासिक मुगल रोड और अनंतनाग-किश्तवार सड़क कई फुट बर्फ जमा होने और फिसलन के कारण बंद है। वर्ष 2019 में राजमार्ग पर तीन हफ्तों अधिक समय तक के लिए यातायात स्थगित रहने के कारण कश्मीर घाटी में सब्जियों, मांस, चिकन के अलावा पेट्रोल और डीजल सहित कई आवश्यक वस्तुओं की कमी हो गई है। कश्मीर कई आवश्यक वस्तुओं के लिए विभिन्न उत्तरी राज्यों से होने वाले आयात पर पूरी तरह से निर्भर है। सूत्रों ने बताया कि 3,000 से अधिक वाहनपिछले एक सप्ताह से राजमार्ग पर फंसे हुए हैं, जिनमें अधिकांश ट्रक हैं। जम्मू में राजमार्ग होने से कई हजार कश्मीरी यात्री भी फंसे हुए हैं।
 
यातायात पुलिस के एक अधिकारी ने यूनीवार्ता को बताया कि भूस्खलन और फिसलन भरी सड़क की स्थिति के कारण श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात फिर से शुरू नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा कि आज सुबह पीदाह और कैफेटेरिया मोड में भूस्खलन और पत्थर गिरने के कारण अधिकारियों को यातायात स्थगित करने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने लोगों से हिमस्खलन प्रवण क्षेत्र में पैदल यात्रा नहीं करने की अपील करते हुए कहा कि यह खतरनाक साबित हो सकता है।
 
उन्होंने कहा कि राजमार्ग के रखरखाव के लिए जिम्मेदार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और सीमा सड़क संगठन राजमार्ग को यातायात योग्य बनाने के लिए 24 घंटे काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि रामबन और रामसु के बीच राजमार्ग पर कई स्थानों पर लगातार भूस्खलन और पत्थर गिरने की घटनाएं हो रही हैं। जम्मू क्षेत्र के रामबन में शुक्रवार को भूस्खलन की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए थे।
 
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