कोलकाता। पश्चिम बंगाल में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की एक ब्रांच से बैंक के ही एक सीनियर असिस्टमेंट मैनेजर द्वारा 84 लाख रुपये की चोरी करने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि राज्य के मेमारी में स्थित एसबीआई ब्रांच से सीनियर असिस्टमेंट मैनेजर ने 84 लाख रुपए मूल्य के सिक्के चोरी कर लिए। इस दौरान किसी को भी मैनेजर पर शक नहीं हुआ और जब ऑडिट हुआ तो इस गड़बड़ी का खुलासा हुआ।
बताया जा रहा है कि 8 साल से बैंक में कार्यरत 35 साल के तारक जायसवाल ने लॉटरी खेलने में चोरी किए गए पैसों का इस्तेमाल किया। बैंक की करेंसी चेस्ट मैनेज करने वाले जायसवाल ने इस चोरी को अंजाम देने के लिए 17 महीनों का वक्त लगाया। कुल मिलाकर उन्होंने 84 लाख रुपये चोरी किए और सारी रकम सिक्कों में थी। अगर मानकर चलें कि उन्होंने सिर्फ 10 रुपये के सिक्के चोरी किए होंगे, तो 84 लाख की रकम तक 17 महीनों में पहुंचने के लिए उसने प्रतिदिन 2 हजार सिक्के चोरी किए होंगे।
बैंक में ऑडिट होने के बाद इस गड़बड़ी का खुलास हुआ और इसके बाद जायसवाल ने बिना बताए ऑफिस आना बंद कर दिया। करेंसी चेस्ट का इंचार्ज होने की वजह से उस पर सबसे पहले अधिकारियों को शक हो गया। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है इतनी बड़ी मात्रा में सिक्के बैंक ब्रांच में क्यों रखे गए थे। फिलहाल अदालत ने उसे 5 दिनों की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि जायसवाल ने जुर्म स्वीकार कर लिया है और कहा है कि उसने सारा पैसा लॉटरी टिकट खरीदने में खर्च कर दिया।