पटना। बिहार में राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हुंकार रैली के दौरान हुये सिलसिलेवार बम विस्फोट के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत में आज अंतिम बहस शुरू हो गई। एनआईए के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार सिन्हा की अदालत में अभियोजन की ओर से अंतिम बहस की शुरुआत करते हुए विशेष लोक अभियोजक ललन प्रसाद सिन्हा ने मुकदमे का परिचय पेश किया। बहस प्रतिदिन जारी रहेगी।
उल्लेखनीय है कि 27 अक्टूबर 2013 को भाजपा ने गांधी मैदान में हुंकार रैली का आयोजन किया था। वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रैली को संबोधित किया था। रैली के दौरान सिलसिलेवार बम धमाके हुये थे, जिसमें छह लोगों मारे गए थे तथा करीब 100 लोग घायल हो गए थे। इसके अलावा पटना रेलवे जंक्शन परिसर स्थित सुलभ शौचालय में भी बम धमाका हुआ था, जिसमें एक अपराधी की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस संबंध में पटना राजकीय रेल थाना और गांधी मैदान थाने में दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बाद में एनआईए ने जांच अपने हाथ में लेने के बाद दोनों प्राथमिकियों को मिलाकर एनआईए की एक विशेष प्राथमिकी दर्ज की थी।
जांच के बाद एनआईए इस मामले में आरोप-पत्र दाखिल किया था। आरोपियों में हैदर अली, मुजिबुल्लाह, उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन कुरैशी, इम्तियाज अंसारी, अहमद हुसैन, मो. फखरुद्दीन, नोमान अंसारी, असलम परवेज और इफ्तिखार शामिल हैं, जिनके खिलाफ इस मामले में विचारण किया जा रहा है। इन दस आरोपियों में से पांच हैदर अली, मुजिबुल्लाह, उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन कुरैशी, इम्तियाज अंसारी को इसी अदालत ने हाल ही में गया जिले के बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर बम विस्फोट मामले में दोषी करार देने के बाद उम्रकैद की सजा सुनाई है। प्रस्तुत मामले में एनआईए ने अपना मुकदमा साबित करने के लिए 187 गवाहों का बयान विशेष अदालत में दर्ज करवाया है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान, विस्फोट पदार्थ अधिनियम और विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निरोधक अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए थे।