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शिक्षक बनना उतना आसान नहीं, जितना समझा जाता है - महाजन

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 19 2017 8:01PM | Updated Date: Sep 19 2017 8:01PM
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रायपुर। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा है कि बच्चों में शिक्षा और संस्कार के बीज बोना वास्तव में काफी चुनौतीपूर्ण कार्य है, इसलिए शिक्षक बनना उतना आसान नहीं है, जितना कि आम तौर पर समझ लिया जाता है। महाजन छत्तीसगढ़ के जिला मुख्यालय बेमेतरा में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की अध्यक्षता में आयोजित जिला स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह को संबोधित कर रही थीं। समारोह में उन्होंने और मुख्यमंत्री ने जिले के 26 सेवानिवृत्त शिक्षकों सहित 20 प्रतिभावान विद्यार्थियों, दो प्रतिभावान दिव्यांग बच्चों और राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्राप्त एक छात्र को सम्मानित किया।

मुख्य अतिथि की आसंदी से समारोह को सम्बोधित करते हुए महाजन ने कहा कि शिक्षक अपने ज्ञान और कौशल से बच्चों पर ऐसा गहरा प्रभाव डालते हैं कि उनकी कही गई बातों पर विद्यार्थी आसानी से विश्वास कर लेते हैं। शिक्षकों के सामने नई पीढ़ी को शिक्षित और संस्कारित करने की बड़ी जिम्मेदारी होती है। राज्य, देश और समाज के निर्माण में शिक्षकों की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्र और समाज में शिक्षकों की भूमिका को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि शिक्षक कभी रिटायर नहीं होते। सेवानिवृत्त होने के बाद भी वे समाज को दिशा देने का कार्य करते रहते हैं।

महाजन ने कहा कि शिक्षकों पर बच्चों के भविष्य निर्माण का बड़ा दायित्व होता है, इसलिए समाज में शिक्षकों के योगदान को ध्यान में रखना और सेवानिवृत्ति पर उन्हें सम्मानित करना हम सबके लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने सेवानिवृत्त शिक्षकों के लिए शुभेच्छा प्रकट करते हुए उनसे जीवन में हमेशा सक्रिय रहने का आह्वान किया और कहा कि सक्रियता बनी रहने से तन-मन के साथ दिमाग भी स्वस्थ रहता है। मुख्यमंत्री डॉ सिंह ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने पर राज्य सरकार विशेष रूप से ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम के नाम पर प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में शिक्षा गुणवत्ता अभियान चलाया जा रहा है।

पूरे प्रदेश में 50 हजार से ज्यादा स्कूलों में लगभग 54 लाख बच्चों के लिए दो लाख 44 हजार शिक्षक नियुक्त हैं। सूखे की स्थिति का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक विपदा की इस घड़ी में राज्य सरकार हमेशा किसानों के साथ खड़ी है। प्रदेश के 13 लाख से ज्यादा किसानों को वर्ष 2016-17 में सहकारी समितियों में बेचे गए धान पर 300 रुपए प्रति क्विटल दर से प्रोत्साहन राशि (बोनस) देने का निर्णय लिया गया है। यह बोनस  उन्हें दीपावली से पहले दे दिया जाएगा।

डॉ सिंह ने कहा कि सूखे की स्थिति का सर्वेक्षण करने के बाद प्रावधानों के तहत उन्हें फसल क्षति का उचित मुआवजा भी दिया जाएगा। प्रभावित किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का भी लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि राज्य के 21 जिलों की 96 तहसीलों को नजरी आंकलन के आधार पर सूखाग्रस्त घोषित किया गया है और वहां के जिला कलेक्टरों को गांवों में रोजगार मूलक कार्य जल्द शुरू करने तथा पेयजल संबंधी समस्याओं के त्वरित निराकरण के निर्देश दिए गए हैं।

 
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