चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमंरिदर सिंह ने राज्य के किसानों से खुदकशी करने जैसा कदम नहीं उठाने की अपील करते हुए कहा कि राज्य सरकार उनके ऋण माफ करने के वादे से पीछे नहीं हटेगी तथा इस सम्बंध में उसने रूपरेखा तैयार करने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर दिया गया है। कैप्टन सिंह ने पीएचडी चैम्बर ऑफ कामर्स एंड इडंस्ट्री में एक संगोष्ठि में उद्योगपतियों को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार ने कुर्की समाप्त करने का अपना वादा पूरा कर दिया है
तथा वह लोगों से किए गए अन्य वादों से भी पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने कहा कि कृषि का अह्म महत्व होने के बावजूद यह आर्थिक विकास में उतनी भूमिका नहीं अदा कर पा रही है। पानी को उन्होंने समूचे देश की समस्या करार देते हुए कहा कि इस सम्बंध में विवादों का राष्ट्रीय स्तर पर सामूहिक प्रयासों से हल होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने लालफीताशाही समाप्त करने तथा उद्योग की समस्याएं हल करने का वादा किया लेकिन कहा कि वह राज्य की खस्ता माली हालत के चलते उन्हें वित्तीय सहायता का इस समय कोई वादा नहीं कर सकते लेकिन वह सहज कारोबार का माहौल बनाएंगे तथा उन्हें वाज़िब दरों पर बिजली मुहैया कराने का भी वादा पूरा करेंगे।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य को वित्तीय बदहाली से निकालने के लिए प्रयासरत है और वह इसके लिए कारणों को उजागर करने के लिए जल्द ही श्वेत पत्र जारी करेगी। उन्होंने उद्योग और सरकार के बीच भागीदारी की दिशा में प्रयास करने पर बल दिया और कहा कि जल्द ही राज्य की नई औद्योगिक नीति लागू की जाएगी। कैप्टन सिंह ने राज्य में ट्रक यूनियन माफिया की उद्योगों के लिये बड़ी समस्या से सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि इसे जल्द हल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ट्रक यूनियनों के बड़े स्तर पर लूटमार और डराने-धमकाने की गैर कानूनी संलिप्त होने की शिकायतें मिली हैं तथा इन यूनियनों की गतिविधियों को नियंत्रित रखने के लिए कानून बनाने की भी मांग की गई है। इस पर सरकार अवश्य कार्रवाई करेगी। उन्होंने इस मौके पर उद्योगपत्तियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष वैट रिफंड में देरी और पर्यावरण मंजूरी सम्बंधी दिक्कतों को भी रखा जिस पर उन्हें इन पर विचार करने का भरोसा दिया गया।