जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को बहुत बड़ी परियोजना बताते हुए कहा है कि इस योजना को केंद्र सरकार को हाथ में लेकर समयबद्ध निर्माण करना चाहिए। बजट भाषण के बाद पत्रकारों से बात करते हुए श्री गहलोत ने कहा कि भारत सरकार को इस योजना को प्राथमिकता से हाथ में लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक हिस्से पर काम शुरु हो गया है, लेकिन बड़ी योजना के कारण इसे केंद्र सरकार को ही हाथ में लेना चाहिए।
यह योजना 13 जिलो के लिये अति महत्वपूर्ण है, जिसकी लागत 37 हजार 247 करोड़ रुपये है। रेगिस्तानी क्षेत्र को पर्वतीय क्षेत्र के समान राज्य को विशेष सुविधायें देने पर जोर देते हुए कहा कि हर घर को नल पहुंचाने की केंद्र की योजना में 50 प्रतिशत राशि राज्य पर डाली गयी है, लेकिन राज्य में एक लाख 50 हजार इसकी योजनायें हैं जिन्हें लागू करना राज्य सरकार के लिये आसान नहीं है। रिफाइनरी की चर्चा करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार 26 प्रतिशत हिस्सेदारी का विरोध करती रही, लेकिन पिछली बार सत्ता में आने के बाद इससे ज्यादा हिस्सेदारी नहीं बढ़ा पाई बल्कि इससे काम में और देरी हो गयी जिससे लागत बढ़ गयी।
गहलोत ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय करों की हिस्सेदारी में 10 हजार 300 करोड़ रुपये की कटौति कर दी। इसी तरह जीएसटी में 2600 करोड़ रुपये का राज्य को नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि मिलावटखोरों के खिलाफ इतनी सख्ती बरती जायेगी कि कोई मिलावट की हिम्मत भी नहीं कर सकेगा। उन्होंने तमिलनाडु की तर्ज पर राज्य में भी सड़क हादसों में होने वाली मौतों को कम करने पर जोर देते हुए कहा कि तमिलनाडु ने इसमें 30 प्रतिशत कम करने में सफलता हासिल की है, लिहाजा हम भी उसका अनुसरण कर सकते हैं।