इंदौर। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने भारत के लोकतंत्र में हो रहे सकरात्मक परिवर्तन पर आज प्रकाश डालते हुए कहा कि हम 1952 से चुनाव प्रक्रिया में हैं, प्रत्येक आम चुनाव में बढ़ता मतदान प्रतिशत इस तथ्य का द्योतक है कि नागरिकों का लोकतंत्र के प्रति विश्वास प्रबल रूप ले रहा है। बिड़ला यहां एक निजी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कि भारत के लोकतंत्र में विविधता है। यहां अलग अलग दल, बोली, भाषा, विचार के लोग हैं, लेकिन सबका एक ही मत है कि हमारा लोकतंत्र और अधिक मजबूत हो, इसी उद्देश्य के लिए सांसद में कानून बनाने का काम भी होता है। प्रत्येक जनप्रतिनिधि जनता की अपेक्षा और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि विश्व में भी भारत का संसदीय लोकतंत्र सबसे अधिक मजबूत है।
यहां के लोकतंत्र की विश्व में विशिष्टता और प्रमाणिकता है। सरकार जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करे, इसके लिए संसद प्रयासरत हैं। सरकार की नीतियां जनभावनाओं के अनुरुप हो और सरकार जन भावना के अनुसार काम करे, इसके लिए भी संसद विशेष रूप से भूमिका निभा रही है। लोकसभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि भारत की प्रौद्योगिकी का विश्व में डंका बज रहा है। दुनिया के किसी भी कोने में चले जाएं भारत का इंजीनियर देश का प्रतिनिधित्व कर रहा है। रक्षा क्षेत्र में भी हम तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं। बिड़ला ने कहा कि देश में 25 फीसदी नौजवान उच्च शिक्षा प्राप्त हैं, इस दायरे को और बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सामजिक सरोकार से हर घर हर व्यक्ति तक शिक्षा को पहुंचाना है। भारत दुनिया में ऐसा देश है जहां हर वर्ग मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा है। इसका उपयोग करके तकनीकी ज्ञान हासिल कर कौशल विकास करना है। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2024 तक हर गांव में डिजिटल क्रान्ति लाना है, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयास शुरू कर दिए हैं।