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पन्ना टाइगर रिजर्व : उम्रदराज हथिनी वत्सला की जिंदगी में आया अंधेरा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 18 2020 1:31PM | Updated Date: Feb 18 2020 1:31PM
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पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व की धरोहर बन चुकी दुनिया की सबसे उम्र दराज हथिनी वत्सला को अब आंखों से दिखना बंद हो गया है। वत्सला की आंखों में मोतियांबिद हो जाने के चलते यह स्थिति निर्मित हुई है, जिससे उसकी जिंदगी में अब अंधेरा छा गया है। टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉक्टर संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि वत्सला की उम्र 100 वर्ष से भी अधिक हो चुकी है,जिसका असर उसके शरीर व अंगों पर पड़ने लगा है। उन्होंने ने बताया कि वत्सला की आंखों में मोतियाबिंद हो चुका है,  जिसके कारण उसे अब कुछ भी दिखाई नहीं देता।
 
उन्होंने बताया कि हाथियों की आंखों का लेंस अभी तक नहीं बन पाया है, इसलिए उसकी आंखों का इलाज संभव नहीं है। डॉ. गुप्ता के मुताबिक पार्क प्रबंधन द्वारा भी हथिनी वत्सला की पूरी देखरेख की जा रही है। उसे सुगमता से पचने वाला आहार दिया जाता है। साथ ही नियमित रूप से उसके स्वास्थ्य का परीक्षण भी होता है। दुनिया की इस सबसे उम्र दराज हथनी की जिंदगी जितनी लंबी है, उतनी ही रहस्यपूर्ण और रोमांच व दिल दहला देने वाली घटनाओं से भरी हुई है।
 
यह हथनी अपनी जिंदगी में दो बार मौत को भी चकमा देने में कामयाब हो चुकी है। डॉ गुप्ता बताते हैं कि टाइगर रिजर्व के ही एक नर हाथी राम बहादुर ने वर्ष 2003 और 2008 में प्राणघातक हमला कर वत्सला को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। मदमस्त नर हाथी ने दांतों से प्रहार कर वत्सला का पेट चीर दिया था, लेकिन बेहतर उपचार और सेवा से इस बुजुर्ग हथिनी को मौत के मुंह में जाने से बचा लिया गया। मौजूदा समय यह हथिनी देशी व विदेशी पर्यटकों के लिए जहां आकर्षण का केंद्र है, वहीं पन्ना टाइगर रिजर्व के लिए भी किसी धरोहर से कम नहीं है।
 
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