भोपाल। मध्यप्रदेश में वैकल्पिक वित्तीय प्रबंधन पर केंद्रित एक दिवसीय कार्यशाला आज यहां मुख्यमंत्री कमलनाथ और योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोटेंक सिंह अहलुवालिया की मौजूदगी में प्रारंभ हुयी। राजधानी भोपाल के ऐतिहासिक मिंटो हॉल में प्रारंभ हुयी इस कार्यशाला में राज्य की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने से मुद्दे पर मुख्य रूप से विचार होगा। इस दौरान इस मुद्दे पर भी विचार किया जाएगा कि राज्य में आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने के लिए कौन कौन से कदम उठाए जा सकते हैं।
वैकल्पिक आर्थिक स्त्रोत क्या हो सकते हैं। परियोजनाओं के लिए परंपरागत के स्थान पर वैकल्पिक स्त्रोत तलाशने और इन्हें स्वपोषित बनाने के तरीकों पर भी आज विचार होने की संभावना है। कार्यशाला में देश के विभिन्न हिस्सों से अर्थ और वित्त विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं। कार्यशाला की शुरूआत में अपने संबोधन में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने से बाजार में पैसा आता है और पैसे का यही बहाव कस्बा और फिर शहरों की आर्थिक गतिविधियां बढ़ाता है। उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का उदाहरण दिया और कहा कि इस वजह से सिर्फ सड़कें नहीं बनीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ीं और ग्रामीण इलाकों में संपन्नता दिखायी दी।