सहारनपुर। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में आवाज बुलंद करने वाले दिल्ली की जामिया मिलिया और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों ने इस्लामी शिक्षा के प्रमुख केन्द्र सहारनपुर के देवबंद में सभा की और सीएए के मुद्दे पर सहयोग की अपील की। देवबंद के ईदगाह मैदान पर आयोजित जलसे में जेएनयू और जामिया मिलिया के छात्र छात्राओं समेत करीब पांच हजार लोगों ने हिस्सा लिया। वक्ताओं ने कहा कि संविधान के खिलाफ बना यह कानून सांप्रदायिक है और इसका विरोध जारी रहेगा।
जामिया के छात्र नेता फवाज खान और डा शाइमा के अलावा अमरोहा के मदरसे में उस्ताद कारी अफ्फार मंसूरी ने एक सुर में कहा कि सीएए के पीछे सांप्रदायिकता की बू आती है जिसका भारतीय संविधान इजाजत नहीं देता। लोकतंत्र की रक्षा के लिये उनका संघर्ष अनवरत जारी रहेगा। सरकार को विवश किया जायेगा कि वह इस काले कानून को वापस ले। करीब दो घंटे तक चले इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने लोगों से अपील की कि वे सीएए के खिलाफ देश भर में जारी विरोध प्रदर्शन का समर्थन करे ताकि सरकार पर दवाब बनाया जा सके।