कानपुर। उत्तर प्रदेश में कानपुर के घाटमपुर इलाके के बिराहीनपुर गांव में आज सियाचिन ग्लेशियर में तैनात घाटमपुर के लाल धर्मेन्द्र सिंह का पार्थिव शरीर सेना के द्वारा उसके पैतृक गांव लाया गया। परिजनों के साथ-साथ पूरे गाँव वालो की आँखे भी नम हो गई। धर्मेंद्र सिंह घाटमपुर कोतवाली के बिराहीनपुर गांव के रहने वाले थे जो कि सियाचिन ग्लेशियर में तैनात थे। जहां बीते दिनों वह चौकी पर हिमस्खलन होने के चलते बर्फबारी में दब गये थे और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। आज सुबह शहीद धर्मेंद का पार्थिव शरीर फूलों से सजीधजी सेना की गाड़ी से पैतृक गांव पहुंचा।
शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचते ही परिवार मे कोहराम मच गया तो वहीं उनके अंतिम दर्शन के लिए कई गांवों के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी और पूरा इलाका शोक में डूब गया।आसपास के गांवों से जुटी हजारों की भीड़ ने भारत माता की जय के नारे लगाये। लोग भारत माता की जय के साथ शहीद धर्मेंद्र सिंह अमर रहे व जब तक सूरज चांद रहेगा,धर्मेंद्र तेरा नाम रहेगा.आदि नारे लगा रहे थे। लेफ्टिनेंट कर्नल जी.सोमू महाराजन के नेतृत्व में सेना ने शहीद जवान के पार्थिव शरीर को कंधा देकर केवडिया मार्ग स्थित घाट पर ले गए जहां सैनिक सम्मान के बीच बड़े पुत्र उत्कर्ष ने चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान शहीद के गांव पहुंची प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमलरानी ने पत्नी व बच्चों को हर संभव मदद का भरोसा देकर ढांढस बंधाया।