लखनऊ। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि बजट हमारी नीतियों, प्राथमिकताओं तथा सामाजिक और आर्थिक विकास को दिशा देने वाला अर्थव्यवस्था सम्बन्धी एक महत्वपूर्ण साधन है। हरिवंश ने राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के सातवें सम्मेलन में बजट प्रस्तावों की समीक्षा के लिए जनप्रतिनिधियों की क्षमता बढ़ाने सम्बन्धी विषय पर अपने मुख्य भाषण में यह बात कही। उन्होंने बजट सम्बन्धी दस्तावेजों और उनकी जटिलताओं के संदर्भ में जनप्रतिनिधियों से जुड़े तकनीकी पहलुओं की अधिकाधिक जानकारी बढ़ाये जाने के तरीकों को खोजे जाने पर विशेष जोर दिया।
उन्होंने कहा कि संसद और विधानमंडल के सदस्यों को बजट प्रस्तावों पर चर्चा के दौरान ऐसे व्यावहारिक सुझाव देने चाहिए जिनके आधार पर सरकारें अपनी आमदनी बढ़ाने के प्रयास कर सकें। योजनाओं के क्रियान्वयन में सरकारी धन के लीकेज को एक बड़ी चुनौती मानते हुए हरिवंश ने कहा कि विधानमंडल के सदस्यों को अपने निगरानी सम्बधी कार्यों को गम्भीरता से लेना चाहिए ताकि व्यवस्था में प्रभावी पारदर्शिता लाकर आर्थिक लक्ष्यों को सुगमता से प्राप्त किया जा सके। सदस्यों द्वारा बजट की समीक्षा को प्रभावी बनाने के संदर्भ में हरिवंश ने सदस्यों द्वारा संसदीय प्रकियाओं की समुचित जानकारी रखने के साथ-साथ सम्बन्धित समितियों की बैठकों में गम्भीरता से भागीदारी किये जाने पर विशेष बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि सदस्यों को समय-समय पर सी.ए.जी. के प्रतिवेदनों का भी अध्ययन करना चाहिए।