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मध्यप्रदेश में इन दिनों 'माफियाओं' की मुश्किलें बढ़ीं

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 16 2019 11:26AM | Updated Date: Dec 16 2019 11:27AM
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भोपाल। मध्यप्रदेश में एक वर्ष पहले मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले श्री कमलनाथ के माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश और प्रशासन को 'फ्री हैंड' देने के बाद लगातार असामाजिक गतिविधियों में लिप्त रहकर और लोगों को डरा धमकाकर संपत्ति और धन बनाने वाले 'माफियाओं' की इन दिनों नींद उड़ी हुयी है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हाल ही में यहां वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की बैठक बुलाकर असामाजिक तत्वों और संगठित अपराधों तथा गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त लोगों की सूची बनाकर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
 
कमलनाथ ने राज्य के वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को फ्री हैंड भी दे दिया है। इसके बाद भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर जैसे राज्य के बड़े शहरों में कुख्यात अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गयी है। राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री निवास से कुछ ही मीटर की दूरी पर श्यामला हिल्स क्षेत्र में एक कुख्यात बदमाश मुख्तार मलिक के अवैध रूप से बने मकान को कल रात सील कर दिया गया। लगभग 55 वर्षीय मुख्तार मलिक का भोपाल और रायसेन जिले में आतंक माना जाता है और उस पर हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, डकैती, अड़ीबाजी और दुष्कर्म तथा अन्य गंभीर अपराधों से जुड़े 50 से अधिक मामले दर्ज हैं।
 
उसकी गिरफ्तारी पर 15 हजार रुपयों का इनाम भी भोपाल के पुलिस उप महानिरीक्षक इरशाद वली की ओर से घोषित किया गया है। भोपाल में कल ही एक अन्य माफिया पिंकी भदौरिया और बाबू मस्तान की गिरफ्तारी पर भी दस दस हजार रुपयों का इनाम घोषित किया गया है। भोपाल और आसपास के इलाकों में असामाजिक और गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त लगभग एक दर्जन लोगों के अतिक्रमण तोड़े गए। एक माफिया घनश्याम राजपूत के अवैध निर्माण को भी हटाया गया।
 
उसके खिलाफ सहकारी समितियों में धोखाधड़ी संबंधी प्रकरण भी दर्ज किए गए हैं। इंदौर में भी एक कारोबारी जीतू सोनी और उसके परिजनों से संबंधित गैरकानूनी गतिविधियों पर प्रशासनिक कार्रवाई लगातार जारी है। इंदौर में कई अन्य माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। कुछ कुख्यात लोगों को गिरफ्तार कर उनका जुलूस भी निकाला गया। ग्वालियर, जबलपुर और अन्य शहरों में भी तथाकथित 'बड़े लोगों' के खिलाफ कार्रवाई जारी है, ताकि आम लोगों में उनका भय समाप्त हो सके।
 
राज्य पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि पूरे मध्यप्रदेश में ऐसे लोगों की सूचियां और काले कारनामों का चिट्ठा तैयार संबंधित पुलिस कर रही है, जिन्होंने हाल के वर्षों में तथाकथित रसूख और भय के जरिए आम लोगों, संस्थाओं और सरकारी संपत्ति हड़पकर कब्जा जमा लिया है। ऐसे लोगों की सभी गैरकानूनी गतिविधियों के बारे में पता लगाकर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों के खिलाफ अब शिकायतकर्ता भी सामने आने लगे हैं। भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के पूर्व अधिकारी असीत सी चंद्रा ने इस संबंध में यूनीवार्ता से कहा कि राज्य सरकार और प्रशासन की इस कार्रवाई का एक नागरिक के तौर पर वे स्वागत करते हैं।
 
उन्होंने कहा कि कानून सभी के लिए बराबर है। इसमें बड़े और छोटे तथा निर्धन और धनवान के बीच कोई भेद नहीं हो सकता है। आयकर विभाग में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के महा निदेशक (अंवेषण) रहे  चंद्रा ने कहा कि ऐसी कार्रवाइयों से ऐसे लोगों में भय पैदा होगा, जो गैरकानूनी गतिविधियों के जरिए कुछ ही दिनों में धनवान बनना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे सभी लोग बेनकाब होने चाहिए, जिन्होंने कानून को दरकिनार करके धन संपत्ति और तथाकथित रसूख बनाया है।
 
वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि पुलिस और प्रशासन ऐसे लोगों के बारे में आपराधिक गतिविधियों के अलावा अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के बारे में संबंधित विभागों से जानकारी हासिल कर रहा है। पीड़ति लोगों से भी कहा जा रहा है कि वे अपनी शिकायत पुलिस या संबंधित विभाग के समक्ष पहुंचाएं, ताकि संबंधित दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने में मदद मिल सके।
राज्य में पंद्रह वर्षों के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासन के बाद दिसंबर 2018 में कांग्रेस फिर से सत्ता में आयी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने 17 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने एक वर्ष के शासनकाल के दौरान हाल ही में बेहद सख्त रुख अपनाते हुए असामाजिक गतिविधियों और संगठित अपराधों में लिप्त लोगों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।   
 
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