तिरुवनंतपुरम। दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई के विरोध में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया तथा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं ने रविवार को मध्यरात्रि में केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम स्थित राजभवन की ओर जुलूस निकाला तथा राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किया। राजभवन के सामने मध्यरात्रि में आयोजित प्रदर्शन में सैकड़ों वाम कार्यकर्ताओं ने भी हिस्सा लिया। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में भी प्रदर्शन होने की सूचना मिली है।
कांग्रेस की छात्र इकाई के कार्यकर्ताओं ने भी इसी तरह से विरोध प्रदर्शन किया और राजभवन की ओर जुलूस निकाला। इससे पहले नागरिकता संशोधन कानून पर बोलते हुए मुख्यमंत्री पिनरयी विजयन ने केरल इस दमनकारी कानून के खिलाफ लड़ेगा और विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे पर राज्य सरकार के साथ आएंगी। गौरतलब है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस द्वारा जबरन घुसकर कथित तौर पर छात्रों के साथ मारपीट करने के विरोध में जामिया, जवाहर लाल नेहरू और दिल्ली विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्रों ने रविवार को नयी दिल्ली स्थित पुलिस मुख्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। पुलिस मुख्यालय के सामने प्रदर्शन में कई शिक्षक भी शामिल थे।
जामिया की कुलपति ने कहा है कि रविवार को धरना प्रदर्शन का आव्हान छात्रों ने नहीं किया था बल्कि आस-पास के रिहायशी इलाकों के लोगों ने किया था। कुलपति के मुताबिक यह लोग जब रैली निकालकर जा रहे थे तो जुलैना में पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई तब पुलिस ने उनका पीछा किया और पीछा करते हुए वे विश्वविद्यालय और लाइब्रेरी में घुसी। भीड़ को खदेड़ने के बाद पुलिस जामिया परिसर में घुसी और कार्रवाई को अंजाम दिया। दक्षिणी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त ने बताया कि पुलिस ने कोई फायरिंग नहीं की। इसबीच कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि जामिया मिल्लिया में पुलिस ने विश्वविद्यालय परिसर में घुसकर निर्दोष छात्रों पर अत्याचार किया है और इस मामले की जांच होनी चाहिए।
पार्टी ने आरोप लगाया कि बार-बार विश्वविद्यालयों को राजनीति का अखाड़ा बनाया जा रहा है हैदराबाद, इलाहाबाद, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के बाद जामिया मिल्लिया विश्वविद्यायल को निशाना बनाया गया है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी पुलिस कार्रवाई की निंदा की है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने कुलपति के अनुमति के बिना जामिया में प्रवेश किया। विश्वविद्यालय प्रशासन की अनुमति के बिना पुलिस शिक्षण संस्थान में प्रवेश नहीं कर सकती। इसलिए इस मामले में पुलिस खुद दोषी है। उन्होने कहा उन्होंने संसद से आग्रह किया था कि नागरिकता संशोधन कानून सरकार न लाये। इससे स्थिति तनावपूर्ण हो जाएगी और यही हो रहा है।