चंडीगढ़। भारतीय फौज के विभिन्न पहलूओं को उजागर करता मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल 2019 का आज यहाँ भव्य तरीके से समापन हो गया। इस दौरान छात्रों सहित हजारों लोगों ने फौजी साहित्य और तजुर्बों पर पैनल चर्चा, बहादुरी पुरस्कार विजेताओं की तरफ से ‘संवाद’, जवानों के मार्शल आर्ट करतबों, मिलिट्री सम्बन्धी पेटिंग और हथियारों की प्रदर्शनी और क्लैरियन कॉल थियेटर आदि के जरिये फौज के विभिन्न पक्षों पर जानकारी हासिल की। फेस्टिवल में भारतीय फौज द्वारा जंग के मैदानों में जीत हासिल करने और इन विजयों के पीछे शहीद जवानों और अफसरों की देन, उनकी बहादुरी के किस्सों का प्रतिनिधित्व करती ‘ मिलिट्री आर्ट और पेटिंग’ की नुमाइश में तीनों दिन बड़ी संख्या में दर्शक आये।
इस मौके पर विभिन्न स्कूली छात्रों ने पोस्ट कार्डों और पेटिंग्स के जरिये शहीद जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि तथा धन्यवादी पत्र लेखे गये और थल सेना पर आधारित सुंदर पेटिंग बनाईं गई। इस प्रदर्शनी में फौजी पृष्टभूमि वाले इंजीनियर नरिन्दरपाल सिंह द्वारा रखे पुराने और दुर्लभ पदक भी आकर्षण का केंद्र रहे। इस मिलिट्री मेले का ख़ास पक्ष कलैरियन कॉल थियेटर और ‘संवाद’ प्रोग्राम रहा। कलैरियन कॉल थियेटर संबंधी जानकारी देते हुए प्रशासनिक टीम के नेता कर्नल अवीनीश शर्मा ने बताया कि इस थियेटर का मुख्य मकसद आज की युवा पीढ़ी को भारतीय सैनिकों द्वारा विभिन्न युद्धों में दिखाई वीरता और देश के लिए दिये बलिदानों से अवगत करवाना और उनको सेना में आने के लिए प्रेरित करना है, जिसके लिए ऑडियों-विजिअल तकनीक का प्रयोग किया गया है।
उन्होंने बताया कि तीनों ही दिन विभिन्न मिलिट्री विषयों से सम्बन्धित दर्जनों फिल्में /दस्तावेजी फिल्में दिखाईं गई हैं और सेना के अफसरों द्वारा दर्शकों के साथ अपने तजुर्बे भी सांझे किये गए हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से कुछ फिल्में बाहर के देशों जैसे अमरीका में तैयार करवाई गई हैं। आज तीसरे दिन इंडियन मिलिट्री अकैडमी पर आधारित फिÞल्म के अलावा ‘मैन ऑफ ऑनर’, ‘बैटल ऑफ बसंतर’ आदि फिल्मों के अलावा विभिन्न अफसरों ने अपने तजुर्बा सांझे किये। इस दौरान ख़ास मेहमान लफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी थे, जिन्होंने फ्रांस में 1200 किलोमीटर की साइकिल यात्रा का अपना तजुर्बा दर्शकों के साथ सांझा किया।
इस फेस्टिवल में 2 सिख रैंजिमैंट की इनफैंटरी यूनिट द्वारा नायब सूबेदार सुरिन्दरपाल सिंह और गुरदीप सिंह के नेतृत्व में हथियारों की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें 7.62 एमएम एमएमजी, एमएम एजीएल 17, 7.62 एमएम एके से लेकर 81एमएम मोर ई 1 जैसे हथियार प्रदर्शित किये गए, जहाँ दर्शकों ने इन हथियारों के तकनीकी पक्षों पर मारक क्षमता संबंधी जानकारी हासिल की। इसी तरह ‘संवाद’ प्रोग्राम के अंतर्गत चंडीगढ़, मोहाली और पंचकुला के विभिन्न प्राईवेट और सरकारी स्कूलों के लगभग 1800 छात्रों को अलग अलग पुरस्कार विजेता अफसरों के साथ रूबरू होने का मौका मिला, जिन्होंने भारतीय सेना में सैनिको को दी जाती सेवाओं और सहूलतें, उनके तजुर्बे और अन्य मिलिट्री विषयों पर विद्यार्थियों को जानकारी दी। तीन दिन चले इस मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल ने फौज की बहादुरी, समर्पण और वीरता भरे इतिहास का जिक्र किया गया, वहीं जवानों के मार्शल आर्ट करतब और विंटेज कारों और मोटरसाईकलों की नुमाइश भी लोगों में चर्चा का विषय रहे।