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किस दिशा में जा रहा है देश: मुख्यमंत्री गहलोत

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 15 2019 12:27AM | Updated Date: Dec 15 2019 12:27AM
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नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि देश में जो हिंसा और भय का माहौल है, उससे यह संदेश मिल रहा है कि देश किस दिशा में जा रहा है। गहलोत ने आज नई दिल्ली में रामलीला मैदान में कांग्रेस की ओर से आयोजित ‘भारत बचाओ रैली’ में सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत बचाओ रैली से यह संदेश मिलता है कि देश किस दिशा में जा रहा है। लोकतंत्र की हत्या हो रही है, पूरा देश चिंतित है, भय, गुंडागर्दी और हिंसा का माहौल है। सामाजिक ताना-बाना नष्ट हो गया है, इसलिए जीडीपी गिर रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव हारना अलग बात है, लेकिन राहुल गांधी ने मुद्दे आधारित चुनावी प्रचार किया था।
 
इनमें किसानों के, नौजवानों के रोजगार के मुद्दे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हालत बेहद खराब हैं। नौकरियां लग नहीं रही हैं बल्कि जा रही हैं, मजदूर बर्बाद हो रहा है, काम-धंधे ठप्प हो रहे हैं। उन्होंने राफेल का मुद्दा फिर उठाते हुए कहा कि देश को 126 विमानों की जरूरत थी, फिर 36 ही क्यों खरीदे गये। गहलोत ने कहा कि हवाई जहाज सोलह सौ करोड़ रुपए में क्यों खरीदा जा रहा है। अब भी वे मुद्दे जीवित हैं। उन्होंने सवाल किया कि जिस प्रकार से राष्ट्रवाद की बात की गई, क्या हम लोग राष्ट्रवादी नहीं हैं। क्या हमें भाजपा से प्रमाण पत्र लेना पड़ेगा। गहलोत ने कहा कि राष्ट्रवाद की आड़ लेकर सेना के पीछे छुपकर राजनीति की गई। इंदिरा गांधी ने तो पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए, 93 हजार सैनिकों से समर्पण करवा दिया, लेकिन कभी उसके नाम पर राजनीति नहीं की गई।
 
उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश किस दिशा में जा रहा है, यह सबके लिए चिंता का विषय होना चाहिए। देश में भाजपा नहीं बल्कि आरएसएस राज कर रहा है। आरएसएस के प्रचारक मोदी जी राज कर रहे हैं। गहलोत ने चुनौती देते हुए कहा कि आरएसएस में हिम्मत है, दमखम है तो नीतियों की लड़ाई करे। हमारी लड़ाई नीतियों की है, विचारधारा की है, कार्यक्रमों की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीति महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना आजाद के जमाने से बनी हुई है। आरएसएस में दम है तो अपनी नीतियां घोषित करे। बिना आरएसएस को पूछे देश में न मंत्री बनता है, न मुख्यमंत्री बनता है, न प्रधानमंत्री बन सकता है। इसी से लग रहा है कि देश किस दिशा में जा रहा है, यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।
 
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