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छत्तीसगढ़: बस्तर में देशी धान की प्रजाति के बीजों का खुला बैंक

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 12 2019 1:13PM | Updated Date: Dec 12 2019 1:14PM
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जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में एक ऐसा बैंक तैयार किया गया है, जहां रुपए का लेन देन नहीं, बल्कि कर्ज के रूप में धान की देशी किस्मों के बीज किसानों को दिए जाएंगे। इसके एवज में कोई शुल्क भी नहीं लिया जाएगा। बैंक के सदस्य प्रभाती भारत ने बताया कि 170 देशी किस्म के धान बीज एकत्र करने में 17 साल लग गए है। उन्होंने बताया कि इस बैंक में फसल उत्पादन के बाद किसानों को डेढ़ गुना बीज वापस करना होगा।
 
उन्होंने बताया कि पूसा इंस्टीट्यूट दिल्ली के कृषि वैज्ञानिक डॉ. एस के श्रीवास्तव ने करीब 1987 में छत्तीसगढ़ में धान की देशी प्रजाति को लेकर रिसर्च किए थे, जिसमें बस्तर में करीब 1500 किस्म के देशी धान मिले थे। उन्होंने बताया कि इसमें अब तक करीब 170 किस्म के धान बीज एकत्र कर चुके हैं। इसके अलावा करीब 400 देशी प्रजाति का धान बीज एकत्र किया जा रहा है। इस बैंक की शुरुआत जगदलपुर ब्लॉक में स्थित ग्राम छोटे गारावंड की तेजस्वी महिला समूह की महिलाएं कर रही हैं।
 
इन्होंने अब तक धान की करीब 170 देशी किस्मों को स्थानीय तरीके से सहेजा है। बताया जा रहा है कि जलवायु परिवर्तन तथा अन्य पर्यावरणीय कारणों से समय के साथ परंपरागत कृषि पद्धतियों में बदलाव आ रहा है। इससे किसान अधिक उत्पादन के लिए हाईब्रिड बीजों का प्रयोग बड़े पैमाने पर कर रहे हैं। इससे देशी किस्मों के बीज विलुप्ति के कगार पर है। इसे बचाने यह प्रयास किया जा रहा है।
 
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