नई दिल्ली। महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि कुपोषण सिर्फ आदिवासी क्षेत्रों की समस्या नहीं है बल्कि यह पूरे देश की समस्या है और सरकार पोषण को लेकर जागरूकता पैदा करने के वास्ते देशभर में अभियान चला रही है। श्रीमती ईरानी ने शुक्रवार को लोकसभा में पूरक प्रश्न के जवाब में यह कहा कि सरकार ने गत सितम्बर को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में देशभर में मनाया है और लोगों में पोषण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए देशभर में अभियान चलाया गया।
इस माह के दौरान तीन करोड़ 66 लाख से ज्यादा गतिविधियां आयोजित की गयी है। गर्भवती महिलाओं को पोषण संबंधी जानकारी देने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों की तरफ से दो करोड 70 लाख घरों में जाकर इसकी जानकारी दी गयी। आदिवासी क्षेत्रों में कुपोषण की ज्यादा समस्या से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि यह गलतफहमी है कि यह समस्या सिर्फ आदिवासी क्षेत्र की है। उन्होंने कहा कि हाल ही में नीति आयोग की एक रिपोर्ट आयी है जिसमें कहा गया है कि देश में बहुत कम लोगों को ही पोषक आहार मिल रहा है।
नीति आयोग के इस आंकड़े से साफ हो गया है कि यह पूरे देश की समस्या है और इसके लिए लोगों को पौष्टिक आहार के बारे में जागरूक करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसे लेकर जो आंदोलन चलाया जा रहा है और जो पोषण माह मनाया गया उसमें बच्चों, किशोरियों गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान कराने वाली वाली माताओं पर फोकस करते हुए जन आंदोलन के जरिए जागरूक पैदा कर लोगों में पोषण के बारे में जानकारी दी गयी।
अध्यक्ष ओम बिरला ने बीच में हस्तक्षेप कर पोषण को आवश्यक बताते हुए श्रीमती ईरानी से कहा कि वह विशेषकर गर्भवती महिलाओ में पोषण की कमी दूर करने को लेकर आहार की सूची तैयार करे ताकि सदस्य अपने अपने क्षेत्रों में इस सूची का वितरण कर सकें और लोगों को पोषण के प्रति जागरूक करें।