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भाजपा सरकार के रहते किसानों का भला होने वाला नहीं : अखिलेश

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 16 2019 12:18AM | Updated Date: Nov 16 2019 12:18AM
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लखनऊ। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में किसानों की आर्थिक हालत खराब है और भारतीय जनता पार्टी की सरकार के रहते उनका का भला होने वाला नहीं है। यादव ने शुक्रवार को यहां जारी बयान में कहा कि किसान को उसकी फसल का लागत मूल्य तक नहीं मिल रहा है जबकि लागत का ड्योढ़ा दिए जाने का भाजपा सरकार ने वादा  किया था। उन्होंने कहा कि धान, आलू और गन्ने का लाभकारी दाम नहीं मिलने से किसान बदहाल हैं। उन्होंने कहा कि किसान को गन्ना बकाया पर ब्याज भी नहीं मिल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया धान की कीमत काफी मिल रही है और सरकार उद्योगपतियों से मिलकर किसानों को लुटवा रही है।  

उन्होंने कहा कि कई जिलों में जल भराव से किसान अगली फसल की बुआई नहीं कर पा रहे हैं। अकेले बलिया में चार हजार एकड़ धान की खेती डूब गई है। खेतों में अभी भी पानी भरा है। कई जिलों में धान की फसल में कीट के प्रकोप से फसल चौपट हो गई। जहां स्थिति ठीकठाक है वहां धान खरीद महज दिखावे की चीज बन गई है। राज्य सरकार का लक्ष्य तो 50 लाख मीट्रिक टन का है लेकिन अभी तक मात्र 6.18 लाख टन की ही धान की खरीद हुई है। सपा अध्यक्षक ने कहा कि सरकारी निर्देशों के बावजूद प्रदेश में धान खरीद केन्द्र बहुत जगहों पर खुल नहीं पाए हैं। जहां खुले भी हैं वहां 1815 रुपये प्रति कुन्तल के निर्धारित मूल्य पर खरीद नहीं हो रही है। बिचैलियों के साथ धान खरीद केन्द्र के अधिकारियों की मिली भगत की शिकायते हैं। वहां किसान को इतना परेशान किया जाता है कि वह आढ़तियों को औने-पौने दाम पर धान बेचकर चला जाता है। कई जगह मजबूरन किसान द्वारा 1200 रुपये प्रति कुन्तल में धान बेचा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने आलू किसान को तो बहुत आश्वासन दिए , लेकिन हकीकत में वह आज भी उपेक्षा का शिकार है। उसे न/न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल पा रहा है और नहीं उसकी फसल की खरीद हो पा रही है। वह बाजार में औने-पौने दाम पर फसल बेचने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि  सबसे बुरी दशा  गन्ना किसान की हैं। जबसे राज्य में भाजपा सत्ता में आई है, उसके बकाया भुगतान में जानबूझकर देरी हो रही है। केन्द्रीय शूगर केन सप्लाई एण्ड परचेज एक्ट और यूपी शूगर केन कंट्रोल आर्डर के अनुसार मिलों में गन्ना खरीद के 14 दिनों बाद भुगतान पर ब्याज पाने का किसानों को अधिकार है लेकिन इस पर अफसर और सरकार संजीदा ही नहीं है। यादव ने कहा कि किसान मिल मालिकों की मेहरबानी पर रहने को मजबूर है क्योंकि सरकार की प्राथमिकता में किसान नहीं, पूंजीपति है।

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