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विकास का इंतजार कर रहा रढुआ धाम

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 12 2019 12:03PM | Updated Date: Nov 12 2019 12:04PM
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औरंगाबाद। बिहार के औरंगाबाद जिले में ऐतिहासिक, पौराणिक और धार्मिक महत्व के रढुआ धाम को आज भी विकास का इंतजार है। जिले के जम्होर पंचायत में बटाने और पुनपुन नदी के संगम स्थल पर स्थित इस धाम की काफी धार्मिक मान्यता है। धार्मिक और लोक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु कभी यहां प्रकट हुए थे और उन्होंने एक तपस्विनी पुनिया को आशीर्वाद दिया था जिसके फलस्वरूप वह धरती पर पुनपुन नदी के रूप में प्रवाहित हुई। पुनपुन नदी को भगवान विष्णु के आशीर्वाद से पृथ्वी पर अवतरित होने के प्रमाणा कई धार्मिक ग्रंथों में उपलब्ध है। इसीलिए, पुनपुन नदी को आदि गंगा कहा गया है।
 
मान्यता है कि पुनपुन और बटाने नदी के संगम पर ही पुनिया नामक तपस्विनी ने भगवान विष्णु की आराधना की थी, जिसके बाद भगवान विष्णु प्रकट हुए थे और उसे आशीर्वाद दिया था। जिस स्थल पर भगवान विष्णु के प्रकट होने की बात कही जाती है वहां लंबे अरसे से पूजा-आराधना होती रही थी। बाद में कुछ श्रद्धालुओं ने इस संगम स्थल पर भगवान विष्णु का एक मंदिर बना दिया जो आज भी मौजूद है और इसे रढुआ धाम मंदिर कहा जाता है। हालांकि इस परिसर में कालांतर में भगवान सूर्य और अन्य देवी-देवताओं के भी मंदिर बन गए पर वस्तुत: यह विष्णुधाम ही कहा जाता है।
 
धाम में रामसेतु का एक पत्थर भी है जो पानी पर तैरता रहता है। कथा है कि भगवान राम ने ऐसे ही पत्थरों से लंका विजय के लिए पुल बनवाया था। ऐसा ही एक और पत्थर पटना के महावीर मंदिर में भी है। रढुआ धाम के रामशिला पत्थर को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं। आज भी कार्तिक में यहां विशाल मेला लगता है और लोग स्रान कर भगवान विष्णु की आराधना करते हैं। पुनपुन और बटाने नदी के संगम पर हमेशा श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। 
 
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