नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय में अयोध्या विवाद की 24वें दिन की सुनवाई के दौरान आज एक बार फिर मुस्लिम पक्षकार के वकील राजीव धवन ने सोशल मीडिया के जरिये अपने खिलाफ भ्रम फैलाने की शिकायत की है, लेकिन शीर्ष अदालत ने उनकी बातों को कोई तवज्जो नहीं दी। सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील धवन ने सोशल मीडिया पर कथित रूप से फैलाये जा रही अफवाह पर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की संविधान पीठ का ध्यान आकृष्ट किया कि किसी ने सोशल मीडिया पर लिखा है, ‘‘मैंने शीर्ष अदालत के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाया है।
उनके खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज किया जाये।’’ सुनवाई शुरू होते ही उन्होंने कहा, ‘‘मुझे कुछ बताना है। फेसबुक पर कोई आदमी कह रहा है कि उसने 100 से ज्यादा पत्र मुख्य न्यायाधीश को लिखे हैं।’’ इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उनके पास इसे देखने के लिए टीम है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उसकी पोस्ट की प्रति आपको देना चाहता हूं।’’ इस पर न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा, ‘‘दे दीजिए।’’ उसके बाद श्री धवन ने मुस्लिम पक्षकार की ओर से जिरह शुरू की। आज जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने से उत्पन्न परिस्थितियों से जुड़ी विभिन्न याचिकाओं की सुनवाई के लिए विशेष पीठ बैठने के कारण अयोध्या विवाद की सुनवाई देर से शुरू हुई।